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योगी का राष्ट्र धर्म सन्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत को महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए आवश्यक है कि सभी नागरिक अपने अपने दायित्वों का पालन ईमानदारी से करें। व्यक्तिगत जीवन में हमारी उपासना विधि अलग अलग हो सकती है लेकिन जब बात राष्ट्रहित की हो,तो हमारा एक ही धर्म होना चाहिए,वह है राष्ट्रधर्म। देश 75वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आज भारत दुनिया के अन्दर अपनी आर्थिक और सामरिक ताकत के साथ उभर रहा है।

प्रधानमंत्री की एक भारत,श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रत्येक नागरिक को एकजुट होना चाहिए। योगी आदित्यनाथ जी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज यहां अपने सरकारी आवास 5,कालिदास मार्ग पर ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज ही के दिन सन् 1947 में सैकड़ो वर्षों की पराधीनता के बाद देश स्वतंत्र हुआ था।

इसके लिए अनगिनत बलिदान देने पड़े थे। उन्होंने भारत माता के सभी ज्ञात अज्ञात स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। कहा कि पराधीनता के खिलाफ निरन्तर लड़ाई लड़ी जाती रही। 1857 का प्रथम स्वातंत्र्य समर भारतीय स्वतंत्रता का पहला सामूहिक प्रयास था। इस प्रयास के नब्बे वर्षों बाद देश को दासता से मुक्ति मिली। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वाधीनता आन्दोलन की निर्णायक लड़ाई लड़ी गई।

उनके सपनों को साकार करने के लिए हम सभी को संकल्प लेना चाहिए। देश की आजादी में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस,सरदार वल्लभभाई पटेल,स्वातन्त्रय वीर सावरकर,डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे महान स्वाधीनता संग्राम सेनानियों ने देश के अलग।अलग क्षेत्रों में लड़ाई को नेतृत्व प्रदान किया।

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