बच्चों के हिसाब से समय-समय पर माता-पिता पेरेंटिंग का चलन बदलते रहते हैं जैसे कभी हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग, टाइगर पेरेंटिंग तो कभी ऑथोरिटेरियन पेरेंटिंग। इसी क्रम में एक नाम और जुड़ गया है शेयरेंटिंग (Sharenting) का। जब पेरेंट्स अपने बच्चे से जुड़ी हर चीज को सोशल मीडिया पर शेयर करने लगें तो उसे शेरेंटिंग कहते हैं। बच्चों की हर एक्टिविटी और फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर करना एक नया ट्रेंड बन गया है। शेरेंटिंग से न केवल बच्चे की निजता का हनन होता है बल्कि उनकी सुरक्षा को भी खतरा हो जाता है।
एक रिसर्च में शोधकर्ताओं ने माना कि पेरेंट्स के शेयर करने की आदत से कई बार सोशल मीडिया पोस्ट से वो बातें तक पता चल जाती हैं, जिनकी जरूरत भी नहीं होती जैसे- कि बच्चे की लोकेशन, उसकी जन्मतिथि, स्कूल, प्राइवेट क्लास। इस रिसर्च को यूनिवर्सिटी ऑफ एक्रॉन और यूनिवर्सिटी ऑफ टेनेसिए के एलेक्सा के फॉक्स और मारिआ ग्रब्स होय ने किया है। इस रिसर्च में हिस्सा लेने वाली महिलाएं डिलीवरी के बाद होने वाले शारीरिक परिवर्तन,मां बनने की जिम्मेदारियों, बच्चे की देखभाल और डिलीवरी के बाद होने वाली समस्याओं को लेकर परेशान थीं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि,”सोशल मीडिया पर अपने अनुभव और निजी जानकारी शेयर कर महिलाएं लोगों से सहयोग, तनाव या डिप्रेशन से राहत पाने का रास्ता ढूंढती हैं। “इन लोगों को बच्चे की ऑनलाइन प्राइवेसी की जानकारी नहीं होती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि आजकल के माता-पिता अपनी जिंदगी को भी सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं, उन्हें इससे होने वाले नुकसान के बारे में नहीं पता है”।