यूक्रेन से चल रही रूस की जंग का एक साल पूरा होने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कीव का दौरा करके इस बीच तापमान बढ़ा दिया है। व्लादिमीर पुतिन ने भी संसद को संबोधित करते हुए अमेरिका और पश्चिमी देशों को चेतावनी दे दी है।
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साफ है कि यूक्रेन युद्ध की बरसी पर माहौल फिर जंग तेज होने का बन रहा है। इस बीच रूस को चीन से बड़ा साथ मिलता दिख रहा है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले कुछ महीनों में रूस का दौरा कर सकते हैं। इस दौरान वे व्लादिमीर पुतिन के साथ समिट में हिस्सा लेंगे। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक शी जिनपिंग के रूस दौरे की तैयारियां शुरुआती दौर में हैं और फिलहाल टाइमिंग तय नहीं की गई है। इसी साल अप्रैल या फिर मई में वह रूस जा सकते हैं। इस दौरान रूस की ओर से दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी के ऊपर जीत का जश्न मनाया जाएगा। माना जा रहा है कि इस जश्न के जरिए रूस की ओर से पश्चिमी देशों को संदेश दिया जाएगा। ऐसे में इस अवसर पर शी जिनपिंग की मौजूदगी के भी अपने मायने होंगे।
शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात से दो संदेश देने की कोशिश होगी। पहला यह कि यूक्रेन से जंग में रूस अकेला नहीं है और चीन जैसा बड़ा देश उसके साथ है। इसके अलावा चीन की ओर से यह भी अपील की जा सकती है कि जंग में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल न किया जाए।
साफ है कि यह शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन जंग के बीच एक मंच पर आकर अमेरिका को चैलेंज देते नजर आएंगे। बता दें कि चीन ने खुलकर जंग में रूस का समर्थन भले ही नहीं किया है, लेकिन इसके लिए पश्चिमी देशों को ही जिम्मेदार ठहराया है।