लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश मीडिया प्रभारी सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश के विकास से सम्बन्धित मामलों में स्वयं अपनी पीठ थपथपाकर वाहवाही लूटना चाहती है परन्तु सरकार की नाकामी मा उच्च न्यायालय ने उजागर करते हुए कहा है कि बच्चों और महिलाओं का कुपोषण दूर करने में वर्तमान सरकार नाकाम है।
उन्होंने कहा कि विगत 6 वर्षो से आशा की जाती थी कि सरकार मातृशक्ति और गरीब बच्चों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होगी। परन्तु प्रदेश के नौनिहालों और मातृशक्ति का कुपोषण दूर करना तो दूर उसे रोक पाने में सरकार असमर्थ रही है। श्री त्रिवेदी ने कहा कि मा उच्च न्यायालय में महिला व बाल कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है।
प्रदेश सरकार की थोथी बयानबाजी एवं आंकड़ेबाजी पर इससे अच्छी टिप्पणी नहीं हो सकती। प्रदेश के मुख्यमंत्री को बच्चों और महिलाओं के प्रति कदम कदम पर जागरूक रहने की आवश्यकता होती है, परन्तु सरकार में बैठे लोग केवल मंदिर मस्जिद, भारत पाकिस्तान, श्मशान कब्रिस्तान और हिन्दु मुस्लिम का राग अलापने में ही प्रदेश का विकास समझ बैठे हैं। प्रदेश के विकास का पैमाना विगत 2 वर्षों से पांच किलों राशन मुफ्त में बांटने में देखा जा सकता है।
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रालोद मीडिया प्रभारी ने कहा कि महिला और बाल विकास विभाग में आधे से अधिक स्वीकृत पद खाली पड़े हैं और प्रदेश के लाखों बेरोजगार इधर उधर भटक रहे हैं। सरकार की नाकामी का मुख्य कारण बेरोजगारों को रोजगार न देना और अपनी हठधर्मिता तथा तानाशाही रवैया अपनाते हुए प्रत्येक विभागीय कार्यों की अवहेलना ही प्रदेश के पिछड़ेपन का प्रमाण है।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रमुख रूप से किसानों महिलाओं और बच्चों के लिए हितकारी योजनाओं का सफल संचालन समय की आवश्यकता है और राष्ट्रीय लोकदल की मांग है कि प्रदेश सरकार किसानों, महिलाओं और बच्चों के प्रति अपना विरोधी रवैया छोड़ दे।