अमेरिकी कांग्रेस की शीर्ष समिति ने अफगान संकट के समाधान के लिए नियुक्त विशेष अमेरिकी दूत जलमय खलीलजाद को तालिबान के साथ शांति वार्ता की जानकारी देने की खातिर पेश होने को कहा है। फिलहाल, तालिबान के साथ होने वाले समझौते के मसौदे को विभिन्न पक्षकारों को भेजा गया है। खलीलजाद को गुरुवार को लिखे पत्र में, कांग्रेस की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष इलियॉट एंजेल ने विदेश मंत्रालय से तथ्यों को न छिपाने और इस महीने के आखिर में विशेष दूत को ब्यौरे पेश करने के उद्देश्य से भेजने को कहा है।
बाद में मीडिया में जारी पत्र की प्रतियों के मुताबिक, एंजेल ने कहा, ” मैं यह सुनवाई करने जा रहा हूं ताकि कांग्रेस और अमेरिकियों को तालिबान के साथ आपकी बातचीत की रूपरेखा, संभावित खतरे और उन अवसरों के बारे में जानने का मौका मिले जो लंबे समय से लंबित है।” उन्होंने दावा किया कि खलीलजाद ने पूर्व में इस संबंध में किए गए उनके दो अनुरोधों पर कोई जवाब नहीं दिया। एंजेल ने कहा, ” मैं समझता हूं कि आपकी टीम ने तालिबान से समझौते की रूपरेखा तैयार कर ली है और उसे ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के साथ साझा किया है। इस मसौदे की प्रति अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार को भी भेजी गई है।”
उन्होंने लिखा, ”इसी प्रकार अमेरिकी और अफगान लोगों को भी अफगानिस्तान के लिए प्रशासन की राजनयिक रणनीति की जानकारी होने का हक है। आपकी गवाही से सदस्यों को मामले को समझने में मदद मिलेगी और इससे पारदर्शिता आएगी।” एंजेल ने कहा, ”अफगानिस्तान में युद्ध के करीब दो दशक हो गए हैं और हम सभी इसकी समाप्ति चाहते हैं, लेकिन हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम शांति वार्ता कर रहे हैं, केवल सैनिकों की वापसी नहीं।”
उन्होंने लिखा, ” समिति इस मामले में ट्रंप प्रशासन से सूचना हासिल करने में चुनौती की सामना कर रही है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि आपकी (खलीलजाद) गवाही के लिए उपस्थिति वैकल्पिक नहीं है।” एंजेल ने आगाह किया है कि अगर खलीलजाद उपस्थित नहीं होंगे तो वह इस बार अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे।