भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्या के मामले में सजा काट रही नलिनी श्रीहरन जेल से बाहर आ गई है। उसे मद्रास हाईकोर्ट से 30 दिन की परोल दी गई थी, जिसके बाद गुरुवार को वह जेल से बाहर आ गई। नलिनी ने अपनी बेटी की शादी की तैयारी के लिए मद्रास हाईकोर्ट से 6 महीने की परोल की मांग की थी। राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी उम्रकैद की सजा भुगत रही है और काफी लंबे समय से जेल में बंद है। बेटी की शादी के लिए उसने परोल मांगी थी। वहीं कोर्ट ने उसकी परोल की मांग को 5 जुलाई को स्वीकार कर लिया था। हालांकि उन्हें सिर्फ 30 दिन की ही परोल मिल पाई है।
नलिनी की बेटी लंदन में रहती है। परोल के लिए नलिनी ने व्यक्तिगत रूप से अपने मामले में पैरवी की थी। नलिनी ने अपनी दलील में कहा कि हर दोषी दो साल की जेल की सजा के बाद एक महीने की साधारण छुट्टी का हकदार होता है और उसने पिछले 27 साल में एक बार भी छुट्टी नहीं ली है।
वहीं इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट नलिनी श्रीहरन की एक याचिका को खारिज भी कर चुका है। नलिनी ने एक याचिका में तमिलनाडु राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को दोषियों को रिहा करने का निर्देश देने की मांग की थी। श्रीहरन ने तमिलनाडु सरकार के 2018 के फैसले के आधार पर सभी दोषियों को रिहा करने की मांग की थी। वहीं हाईकोर्ट ने श्रीहरन की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि वह राज्यपाल को कार्रवाई करने का निर्देश नहीं दे सकता।
बता दें कि चेन्नई के पास एक चुनावी रैली में राजीव गांधी से मिलने के दौरान लिट्टे संगठन की आत्मघाती हमलावर महिला ने खुद को उड़ा लिया था। इसके बाद से सभी सातों दोषी 1991 से जेल में कैद हैं। राजीव गांधी हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सात दोषियों में पेरारीवलन, मुरुगन, नलिनी, शांतन, रविचंद्रन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस शामिल हैं। यह सभी 21 मई 1991 से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के संबंध में जेल में हैं।