दूरसंचार विभाग जल्द ही एक प्रस्ताव पेश करने वाला है, जिसके तहत हिंदुस्तान संचार निगम लिमिटेड का फाइबर नेटवर्क किराये पर दिया जाएगा. इससे कंपनी को नगदी की समस्या का सामना करना नहीं पड़ेगा. आठ लाख किलोमीटर का फाइबर नेटवर्क
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बीएसएनएल के पास कुल आठ लाख रूट किलोमीटर का फाइबर आधारित नेटवर्क है. इससे अन्य टेलीकॉम कंपनियों को प्रयोग करने के लिए दिया जाएगा, ताकि कंपनी अपने कई खर्चों को पूरा कर सके.
फंड की है भारी कमी
फिलहाल कंपनी के पास फंड की भारी कमी है व वो इससे अपनी कई जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही है. वहीं वीआरएस स्कीम के लिए भी उसे करीब 6500 करोड़ रुपये की आवश्यकताहै. कंपनी को सरकार से भी वैसे 3300 करोड़ रुपये का फंड मिलना बाकी है.
हर वर्ष हो सकती है 30 हजार करोड़ की कमाई
केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इस ढंग से कंपनी को सालाना 30 हजार करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है. इसके अलावा कंपनी अपने डोरमेंट हो चुकी संपत्तियों से भी सरलता से कमाई कर सकेगी.
घाटे में है बीएसएनएल
अप्रैल में कंपनी ने अपनी कार्यशील पूंजी जरूरतों के लिए एसबीआई से 1,500 करोड़ रुपये का लोन लेने के लिए करार किया था. दूरसंचार विभाग की गारंटी पर उसे लोन मिला था.
फरवरी-मार्च महीने में आई थी दिक्कत
1.68 लाख कर्मचारियों वाले कंपनी को फरवरी में वेतन देने में कठिनाई आई थी. सरकार ने पिछले महीने कंपनी को बैंकों से लोन दिलाने के लिए गारंटी लेटर जारी किया था. इसके जरिए कंपनी बैंकों से अपनी कार्यशील पूंजी की जरूरतों के लिए 3,500 करोड़ रुपये का लोन ले सकती हैं. वित्तीय संकट से जूझ रही कंपनी को इससे बहुत ज्यादा सहूलियत मिलेगी.इसी महीने कंपनी ने बोला था कि 2019-20 की सितंबर तिमाही तक स्थिति सामान्य हो जाएगी.
बीएसएनएल की कमाई का 55 प्रतिशत भाग इस मद में जाता है. कंपनी के वेतन बिल में प्रत्येक वर्ष आठ प्रतिशत की वृद्धि हो रही है. लेकिन कमाई बेहद नहीं हो रही है.
आठ हजार करोड़ का घाटा
बीएसएनएल का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है. वित्त साल 2017 में 4,786 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. वहीं 2018 में यह बढ़कर आठ हजार करोड़ रुपये हो गया. 2019 में इसके वज्यादा होने की उम्मीद है.
केवल इन कर्मचारियों को मिला वेतन
फरवरी का वेतन केवल दिल्ली में बने मुख्यालय में तैनात कर्मचारियों के अतिरिक्त केरल, जम्मू और कश्मीर व ओडिशा राज्यों में कार्यरत लोगों को मिला है. बीएसएनएल के बोर्ड ने प्रस्ताव दिया था कि वो बैंक से कर्ज़ लेकर कर्मचारियों को सैलरी दे दे, लेकिन दूरसंचार मंत्रालय ने इसको मंजूरी नहीं दी थी.