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विश्वकप के बाद पहले टेस्ट में जीता इंग्लैंड 

इंग्लैंड नेे आयरलैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेले गए टेस्ट मैच में जबरदस्त वापसी करते हुए साबित कर दिया कि दो हफ्ते पहले उनका विश्व कप जीतना कोई तुक्का नहीं था। पहली पारी में 85 रन पर ऑलआउट होने के बाद आयरलैंड को मैच के तीसरे ही दिन महज 38 रन पर समेटते हुए इंग्लैंड ने 143 रन से यह एकमात्र टेस्ट मैच (चार दिवसीय) अपने नाम किया। 112 साल बाद ऐसा मौका आया जब पहली पारी में इतना कम स्कोर बनाने वाली टीम ने मैच जीता हो, इसके पहले 1907 में इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लीड्स में पहली पारी में सिर्फ 76 रन बनाए थे। बावजूद इसके यह मैच 53 रन से अंग्रेज टीम जीतने में कामयाब रही थी।

24 जुलाई को शुरू हुए इस टेस्ट मैच के पहले ही दिन इंग्लिश टीम लंच तक 85 रन पर सिमट गई थी। जवाब में आयरलैंड 207 रन बनाकर पहली पारी के आधार पर 122 रन की बढ़त ले लेती है। इसके बाद अपनी दूसरी पारी में इंग्लैंड 303 रन बनाकर फिर सिमट जाती है। विश्व चैंपियन इंग्लैंड की तरफ से नाइटवाचमैन जैक लीच ने 92 और अपना पहला टेस्ट खेल रहे जेसन रॉय ने 72 रन बनाए। इन दोनों के अलावा बाकी इंग्लिश बल्लेबाज फिर से नाकाम रहे।

यहां से महज तीन टेस्ट मैच का अनुभव रखने वाली आयरलैंड के पास इतिहास रचने का सुनहरा मौका था। 182 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी आयरिश टीम की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही। तेज गेंदबाज क्रिस वॉक्स (17/6) और स्टुअर्ट ब्रॉड ((19/4) की जबरदस्त गेंदबाजी की बदौलत आयरलैंड 38 रन पर ही ऑलआउट हो गई। इस तरह इकलौता टेस्ट मैच 143 रन से जीत लिया।

1955 के बाद पहली बार कोई टीम इतने कम स्कोर पर आउट हुई थी। लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लिश टीम ने करीब डेढ़ घंटे और 15.4 ओवरों में आयरलैंड का बोरिया बिस्तर बांध दिया। जेम्स मैक्कोलम को छोड़कर कोई बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाया। मैक्कोलम के बाद मार्क अडेयर के बल्ले से 8 रन बने।

रिपोर्ट-योगेश अग्निहोत्री

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