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एयरटेल, वाेडा-आइडिया के 52 करोड़ ग्राहकों पर जियो की नजर

लखनऊ। आक्रामक रणनीति से 4जी दूरसंचार सेवा के ग्राहकों पर पकड़ मजबूत बनाने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज की दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो अब एयरटेल और वोडा-आइडिया के 52 करोड़ से अधिक 2जी और 3जी ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने के लिए पैनी नजर गड़ाये हुये है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अम्बानी ने हाल ही में कंपनी की 42वीं आम बैठक को संबोधित करते हुए जियो के आगे भी आक्रामक रुख जारी रखने के संकेत दिए थे।रिलायंस जियो अपनी तीसरी वर्षगांठ पर जियो गीगा फाइबर की शुरुआत करने जा रही है।

Jiophone बना अग्रणी फीचर फोन ब्रांड

करीब तीन साल पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज के दूरसंचार सेवा क्षेत्र में उतरने के बाद इस कारोबार में जारी उठापटक का दौर अभी और लंबा चलने की संभवना बनी हुई है। इस दौरान 34 करोड़ मोबाइल ग्राहक बनाने वाली जियो का अगला पड़ाव जल्दी ही 50 करोड़ का लक्ष्य हासिल करने का है। इस दिशा में वह मजबूती के साथ आग बढ़ रही है। कंपनी सूत्रों का कहना है कि दूरसंचार उद्योग के लिए रिलायंस जियो की तरफ से स्पष्ट संकेत है कि निकट भविष्य में ज्यादा से ज्यादा ग्राहक जोड़ने के अपने मिशन पर वह आगे बढ़ती रहेगी और टैरिफ प्लान को लेकर भी आक्रमक रुख कायम रह सकता है।

फीचर फोन बाजार में जियो फोन अग्रणी

दूरसंचार क्षेत्र की दो अन्य बड़ी कंपनियों एयरटेल के साथ इस वर्ष जून के अंत तक करीब नौ करोड़ 52 लाख और वोडा-आइडिया के साथ आठ करोड़ 48 लाख 4जी ग्राहक जुड़े थे। इन दोनों कंपनियों का वर्चस्व 2जी और 3जी सेवा पर है और रिलायंस जियो की अब इस पर पैनी नजर है। कंपनी का मानना है कि 2जी ग्राहकों को जियो की तरफ आकर्षित करने में जियो फोन काफी कारगर साबित हुआ है। फीचर फोन बाजार में जियो फोन अग्रणी है और पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों में यह काफी लोकप्रिय भी साबित हुआ है।

भारतीय रसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के हालिया आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष जून में करीब 36 लाख नये ग्राहक वायरलेस  सेवा से जुड़े जबकि जियो ने अकेले ही मोबाइल सेवा के 82 लाख से अधिक  ग्राहक जोड़े। ट्राई के इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि अन्य कंपनियों की तुलना में नये ग्राहक जोड़ने के मामले में जियो कहीं आगे है। इस दौरान एयरटेल  के 43 लाख से अधिक ग्राहकों ने नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन किया जबकि वोडा-आइडिया के 42 लाख ग्राहकों ने कंपनी का साथ छोड़ा।

वहीं कंपनी  सूत्रों का कहना है कि दूसरी कंपनियों के ग्राहकों का जियो की तरफ आकर्षित  होने की मुख्य वजह कम कीमत पर डाटा, तेज गति और व्यापक और विश्वनीय  नेटवर्क है। रिलायंस जियो ने तीन साल पहले जब दूरसंचार क्षेत्र में कदम रखा  और सस्ते दरों पर सेवा उपलब्ध कराई तो उसके बाद से डाटा की कीमतों में  काफी गिरावट देखी गई।

प्रति ग्राहक प्रतिमाह 7.69 जीबी प्रतिमाह डाटा 

ट्राई के अनुसार, पिछले पाँच वर्ष की अवधि में डाटा  की कीमतें 95 प्रतिशत तक कम हो चुकी हैं और कम दाम पर उपलब्ध होने पर  ग्राहक डाटा का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। वर्तमान में प्रति ग्राहक प्रतिमाह 7.69 जीबी प्रतिमाह डाटा का इस्तेमाल कर रहा है। वर्तमान में 87 प्रतिशत डाटा का इस्तेमाल 4जी नेटवर्क पर होता है और 2जी तथा 3जी  के ग्राहकों को बहुत अधिक समय से इससे अलग नहीं रखा जा सकता। इसे देखते हुए एयरटेल और वोडा-आइडिया को अपनी 2जी और 3जी सेवा के ग्राहकों को अपने  साथ बनाये रखने में खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है। जियो केवल 4जी तकनीक पर  ही काम करता है जबकि अन्य दोनों प्रतिद्वंद्वी कंपनियाँ तीनों श्रेणियों में सेवारत हैं। दूरसंचार क्षेत्र के विशेषज्ञयों का मानना है कि 2जी और 3जी के ग्राहक बड़ी संख्या में 4जी की तरफ शिफ्ट हो सकते हैं और इसका फायदा जियो को मिल सकता है।

जून में जोड़े 82 लाख से अधिक ग्राहक

पचास करोड़ ग्राहकों का आंकड़ा छूने के लिए नये ग्राहकों को जोड़ने के साथ वोडा-आइडिया और एयरटेल के ग्राहकों पर भी जियो की नजर है। जून में कंपनी ने 82 लाख से अधिक ग्राहक जोड़े हैं। यदि इसी गति से वह नये ग्राहक जोड़ती रही तो उसे 50 करोड़ का लक्ष्य हासिल करने में करीब 20 महीने का समय लगेगा और वह फरवरी 2021 तक इस आंकड़े पर पहुंच सकती है, लेकिन उसका लक्ष्य इस आंकड़े को पहले हासिल करने का है।

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