आपने अपने घर में जरूर सुना होगा कि नीम किसी औषधि से कम नहीं है व कई बीमारियों के उपचार में इसका प्रयोग किया जाता है. किसी को चिकनपॉक्स निकल आए, तो उसे नीम के पत्ते गरम पानी में डालकर नहलाया जाता है बल्कि उसके बिस्तर के आसपास भी नीम की पत्तियां रखी जाती हैं.
नीम की पत्तियां कील-मुंहासे व फोड़े-फुंसियों के उपचार में भी सहायक होती है. कुल मिलाकर देखा जाए तो नीम में एक रामबाण उपचार छिपा है. अगर आप हर दिन प्रातः काल नीम की महज 4 पत्तियां भी चबाएं तो मुंह की देखभाल की जा सकती है. नीम की छाल का उपयोग मलेरिया, पेट व अल्सर, स्कीन रोग, दर्द व बुखार के लिए किया जाता है. इसके अतिरिक्तइसका प्रयोग कुष्ठ रोग, नेत्र विकार, नकसीर, आंतों के कीड़े, पेट की खराबी, भूख न लगना, दिल रोग, बुखार, मधुमेह, मसूड़ों की बीमारी के लिए किया जाता है.

नीम की जड़ या पत्ते का अर्क स्कीन पर लगाने से काली मक्खियों को हटाने में मदद मिलती है. अगर अल्सर से पीड़ित हैं तो इसके लिए नीम की छाल का 30-60 मिलीग्राम अर्क 10 सप्ताह तक दिन में दो बार लें. इससे पेट व आंतों के अल्सर को सही किया जा सकता है. लेकिन इसका इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर लें.