आज से करीब 35 वर्ष पहले 16 वर्ष के कुलदीप पटेल नॉर्थ कैरोलिना पहुंचे थे. यहां वह अपने चाचा के रेस्तरां में हाथ बंटाने व मुंबई में अपनी मां का बोझ कुछ हल्का करने आए थे.अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की तरह उनका सपना देश के सबसे लोकप्रिय खेल बेसबॉल के इर्द-गिर्द नहीं घूमता था. लेकिन खेल के प्रति उनकी दीवानगी के कारण उन्हें अमेरिका के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलते देखा गया. हालांकि कुलदीप का बेटा वहां पहुंचा जहां उनके पिता नहीं पहुंच पाए. 22 वर्ष के करण को 2 सप्ताह पहले ही शिकागो वाइट सॉक्स के लिए चुना गया है. इससे वह मेजर लीग बेसबॉल (एमएलबी) में पहुंचने वाले भारतीय मूल के पहले खिलाड़ी बन गए हैं.
2008 में टैलंट हंट से चुने गए थे रिंकू व दिनेश
करण ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ”यह यहां के भारतीय समुदाय के लोगों के लिए बहुत ज्यादा स्पेशल है. बहुत ज्यादा बच्चों ने अब यह विश्वास करना प्रारम्भ कर दिया है कि वे अमेरिका के खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. एमएलबी के कई सीनियर्स को यह पता चल चुका है कि मैं उनमें से पहला भारतीय मूल का हूं व वे बहुत ज्यादा आश्चर्यचकित हैं.” उन्होंने आगे बोला कि सामान्य तौर पर भारतीय पैरंट्स अपने बच्चों को अकेडमिक्स में ढकेल देते हैं या फिर बहुत हुआ तो उन्हें केवल क्रिकेट खेलने की इजाजत देते हैं.
बता दें वर्ष 2008 में रिंकू सिंह व दिनेश पटेल एमएलबी के साथ जुड़ने वाले पहले भारतीय बने थे. उन्हें टैलंट हंट के माध्यम से एमएलबी टीम के भीतर ट्रेनिंग के लिए चुना गया था.हालांकि दोनों में से कोई बेसबॉल में अपनी छाप नहीं छोड़ पाया, लेकिन रिंकू अब वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट (डब्ल्यूडब्ल्यूई) के डिवेलपमेंट टेरिटरी की पेशेवर पहलवान हैं.