देहरादून के पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी होते ही उत्तराखंड के दो प्रमुख राजनीतिक दलों , बीजेपी और कांग्रेस में ज़ुबानी जंग शुरु हो गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और ऊधम सिंह नगर-नैनीताल से बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिसके बाद कांग्रेस मुखर हो गई है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बीजेपी पर मतदाताओं को बरगलाने और धन-बल का प्रयोग करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन भी करार दिया है लेकिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अपनी बात पर कायम हैं इसलिए ऐसा लग रहा है कि सबसे ज़मीनी स्तर पर होने वाले इन चुनावों में तगड़ा घमासान होगा.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने दावा किया है कि जिस भी ग्रामसभा में निर्विरोध प्रतिनिधि चुना जाएगा उसे एक लाख रुपये मिलेंगे. अजय भट्ट ने यह सरकार के हवाले से कहा. उन्होंने इसकी वजह भी बताई. भट्ट ने कहा कि छोटे चुनाव होने की वजह से लोगों में मनमुटाव हो जाता है, हमेशा के लिए रंजिश पैदा हो जाती है. गांव के लोगों में मनमुटाव न हो इसलिए यह प्रावधान किया गया है.
कांग्रेस ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि बीजेपी चुनाव शुरु होने से पहले ही पैसे देने की बात करने लगी है और जब चुनाव प्रचार शुरु हो जाएगा तो वह पानी की तरह पैसा बहाएगी.
प्रीतम सिंह ने सवाल उठाया कि जो एक लाख रुपये देने की बात कही रही है बीजेपी को यह साफ़ कर देना चाहिए कि वह पैसा सरकार देगी या बीजेपी अपनी तरफ़ से देगी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार यह पैसा देगी तो अजय भट्ट कैसे सरकार का प्रतिनिधि के रूप में वादे कर रहे हैं? कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह की बात कहकर बीजेपी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रही है.
इस बार घमासान 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले उत्तराखंड में यह बड़ा चुनाव है. भाजपा अपनी जड़ें और मजबूत करने की तैयारी के साथ मैदान में उतरी है तो कांग्रेस किसी भी सूरत में अपना प्रदर्शन ख़राब नहीं करना चाहती ताकि विधानसभा चुनावों में उतरते समय कार्यकर्ताओं में उत्साह बना रहे.