इंजीनियर राशिद को टेरर फंडिंग के एक मुद्दे में हिरासत में लिया गया है। राशिद से एनआईए पिछले एक सप्ताह से पूछताछ कर रही थी। उनपर आरोप है कि कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने पाक से पैसे लिए। पैसे दिने वालों में लश्कर ए तैयबा का मुखिया हाफिज सईद का नाम भी है।
देश के सबसे बड़े शत्रु हाफिज सईद से पैसे लेकर इंजीनियर राशिद ने घाटी में गड़बड़ी फैलाने का कार्य किया। अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद कानून व सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियातन तौर पर कश्मीर के 800 नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। एनआईए के पास इंजीनियर राशिद के विरूद्ध पुख्ता सबूत हैं।कश्मीर के बड़े नेता रहे हैं इंजीनियर राशिद
इंजीनियर राशिद कश्मीर के हंदवारा में लंगेट से विधायक हैं। उन्हें कश्मीर के महान नेताओं में से एक माना जाता है। 2008 में वो पहली बार सक्रिय पॉलिटिक्स में उतरे थे। पहली बार में ही उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के बड़े नेता शरीफ दिन शरीक व पीडीपी के नेता मुहम्मद सुल्तान को हराया था। 2015 में वो उसी विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर जीते। वो जम्मू और कश्मीर आवामी एत्तिहाद पार्टी के सर्वेसर्वा हैं। इंजीनियर राशिद के विरूद्ध NIA के पास पुख्ता सबूत हैंइंजीनियर राशिद ने सरकार डिग्री कॉलेज सोपोर से पढ़ाई की है। उन्होंने 1991 में सरकार पॉलिटेक्निक कॉलेज से 3 वर्ष की डिप्लोमा इंजीनियरिंग की है। वो जम्मू और कश्मीरकंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्य कर चुके हैं। कार्य के दौरान उनकी छवि एक ईमानदार इंजीनियर की थी। 2008 में कंस्ट्रक्शन इंजीनियर की जॉबछोड़कर उन्होंने पॉलिटिक्स में कदम रखा।
विधानसभा में हुई थी इंजीनियर राशिद की पिटाई
जम्मू और कश्मीर विधानसभा में इंजीनियर राशिद की भाजपा विधायकों ने पिटाई कर दी थी। उन्होंने बीफ बैन होने के बावजूद सरकार सर्किट हाउस में बीफ पार्टी दी थी। जिसकी वजह से भाजपा के नेता नाराज थे। दिल्ली के प्रेस क्लब में भी उनपर काली स्याही फेंकी गई थी। उन्होंने कश्मीर के उधमपुर में हुई एक लिचिंग की घटना पर विवादित बयान दिया था। जिसकी वजह से उन्हें नाराजगी झेलनी पड़ी। इंजीनियर राशिद बारामूला से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैंइंजीनियर राशिद पर अलगाववादियों के साथ सांठगांठ के पहले भी आरोप लगते रहे हैं। वो कश्मीर में जनमत संग्रह के हिमायती रहे हैं। उन्होंने बारामूला से लोकसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन पराजय गए थे। कश्मीर से पूर्व आईएएस अधिकारी व नेता शाह फैसल ने भी उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया था। राशिद ने बड़ी-बड़ी रैलियां करके केन्द्र सरकार पर हमले किए थे। लेकिन इसके बावजूद वो पराजय गए।