महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास व उनके क्रिकेट करियर पर लगी अटकलों को लेकर पूर्व राष्ट्रीय सिलेक्टर संजय जगदाले ने शुक्रवार को बयान दिया. जगदाले ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वैसे भारतीय टीम में धोनी का विकल्प नहीं है. वे अपने संन्यास का निर्णय लेने के लिए परिपक्व हैं. एमएसके प्रसाद की अगुआई वाली चयन समिति भी धोनी के भविष्य के बारे में सोच रही है. समिति धोनी के मन में क्या चल रहा है यह जानना चाहती है.’’
- 2011 में अपनी कप्तानी में वर्ल्ड कप जिताने वाले धोनी की मौजूदा फॉर्म को लेकर बहुत ज्यादा चर्चा हो रही. चयन समिति मुंबई में रविवार को वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टीम का चयन करेगी. ऐसे में फैन्स की नजर धोनी पर होगी. हालांकि, धोनी के दोस्त व पूर्व रणजी खिलाड़ी मिहिर दिवाकर ने बताया है कि धोनी वेस्टइंडीज दौरे पर नहीं जाएंगे. बल्कि वे आर्मी को समय देंगे.
- 68 वर्ष के जगदाले ने कहा, धोनी के मन में भविष्य को लेकर क्या चल रहा है, यह सिलेक्टर्स को उनसे मिलकर उसी तरह पता करना चाहिए, जिस तरह उन्होंने संन्यास से पहले सचिन तेंदुलकर से बात की थी. सिलेक्टर्स को धोनी को यह भी बताना चाहिए कि वे भविष्य में उन्हें किस किरदार में देखना चाहते हैं.
- जगदाले ने धोनी के फॉर्म को लेकर बचाव किया. उन्होंने कहा, 38 वर्ष की आयु में किसी भी खिलाड़ी से उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह उसी ऊर्जा व आक्रामकता के साथ खेलेगा, जैसा वह अपनी युवावस्था में खेलता था. आज धोनी की आलोचना कुछ ऐसे पूर्व क्रिकेटर कर रहे हैं, जो अपने करियर के दौरान अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते थे. सच्चे खिलाड़ी धोनी की वास्तविक मूल्य जानते हैं.
- जगदाले ने बोला कि भारतीय टीम के भविष्य को देखते हुए विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को पर्याप्त मौके दिए जाने चाहिए थे. पंत को वर्ल्ड कप से पहले ही हिंदुस्तान की वन डे टीम में धोनी के साथ शामिल किया जाना चाहिए था. धोनी के साथ खेलकर पंत बहुत कुछ सीख सकते थे.