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ठीक तरीके से अनुलोम-विलोम करने से बढती हैं दिमाग की एकाग्रक्षमता…

प्राणायाम सांसों को क्रमबद्ध ढंग से लेने-छोड़ने की क्रिया
प्राणायाम सांसों को क्रमबद्ध ढंग से लेने-छोड़ने की क्रिया है. इसमें अनुलोम-विलोम दिमाग से लेकर प्रमुख अंगों तक ऑक्सीजन की पूर्ति करता है. इसकी तीन क्रियाएं हैं- पूरक (धीमी गति से सांस लेना), कुंभक (अंदर ली गई सांस को क्षमतानुसार थोड़ी देर रोकना) और रेचक (धीरे-धीरे सांस को बाहर छोडऩा). अंगूठे के बगल की दो अंगुलियों को भौंहों के बीच रखने से आदेश चक्र जागरूक होता है जो एकाग्रक्षमता बढ़ाता है. जानें विधि-1 सबसे पहले जमीन पर दरी बिछाकर सुखासन, वज्रासन या पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं. इसके बाद आंखों को बंद कर ध्यान केंद्रित करने का कोशिश करें.
2 दाएं हाथ के अंगूठे से दाएं नथुने को बंद करेंं  बाएं नथुने से सांस अंदर लें. फिर बाएं नथुने को छोटी अंगुली यानी कनिष्ठिका से बंद करें. दाएं नथुने से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर छोड़ें. ऐसा बाएं नथुने से दोहराएं.
ध्यान रखें : सांसों को धीरे-धीरे 8 की गिनती में छोड़ें. प्रक्रिया को आरंभ में 3 मिनट और एक्सरसाइज होने के बाद 10 मिनट करें.
फायदे : दिल की स्वास्थ्य को दुरुस्त कर यह विषैले तत्त्वों को बाहर निकालकर नाड़ियों  शरीर का शुद्धिकरण करता है.

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