आज के समय में किसी भी
आदमी से बात कर लें सबके पास किसी ना किसी
वस्तु को लेकर तनाव है
. ऑफिस, घर या
संबंध हो लोग
बहुत ज्यादा उलझे हुए हैं
व ये चीजें सीधे आपके स्वास्थ्य पर
प्रभाव डालती हैं
. तनाव
व चिंता आपको गंभीर बीमारियों की ओर ले जा रही हैं
. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तनाव
स्त्रियों को तेजी से अपना शिकार बना रहा है, जिसके चलते
स्त्रियों को इस गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ता है
.
अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका ‘गैरियाटिक साइक्रेट्री’ में प्रकाशित शोध के अनुसार, तनाव के हॉर्मोन मस्तिष्क के स्वास्थ्य में लैगिंक आधार पर भिन्न-भिन्न किरदार निभाता है व स्त्रियों में पुरुषों की तुलना में अल्जाइमर रोग अधिक होने की वजह भी यही है.
अल्जाइमर्स एसोसिएेशन के मुताबिक, 60
वर्ष से अधिक
आयु की हर छह में से एक महिला अल्जाइमर रोग से पीड़ित होती है, जबकि इस रोग से हर 11 में से एक पुरुष पीड़ित होते हैं
. वर्तमान में इस रोग से बचाव या इस बीमारी को गंभीर होने से रोकने की कोई दवा नहीं बनी है
.
अमेरिका के जॉन हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सिंथिया मुनरो का बोलना है कि, ‘हम तनाव से बच नहीं सकते लेकिन तनाव पर कैसे रिएक्शन देनी है, उसे सुधार सकते हैं वइसका वास्तविक प्रभाव हमारे दिमाग पर पड़ता है, जब हम मध्य आयु में पहुंच जाते हैं.’