‘स्मोकिंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है’ ये पंचलाइन लगभग हर सिगरेट के डिब्बे पर लिखी रहती है लेकिन इसके बावजूद भी दिनों दिन सिगरेट पीने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। ऐसे में ये वाकई दंग करने वाली बात है कि लोग जानबूझ कर इस लत के शिकार क्यों हो रहे हैं? हाल में हुए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि धूम्रपान करने वाले 53 प्रतिशत लोगों की आयु 20 से 30 वर्ष के बीच में है। साथ ही यह खुलासा भी हुआ कि लोग तनाव से निजात पाने के लिए स्मोकिंग की आरंभ करते हैं जो धीरे धीरे लत का रूप अख्तियार कर लेती है।
इस सर्वे में 15 से 50 वर्ष तक की आयु के लोगों को शामिल किया गया था। इसमें से 33 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि स्मोकिंग अब उनकी लत बन चुकी है। सर्वे में शामिल युवाओं ने इस बात पर भी सहमति जाहिर की कि स्मोकिंग करने से उनका तनाव बहुत ज्यादा कम होता है। सर्वे में प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक़, 56 फीसदी लोगों ने इस बात को स्वीकार किया कि जब भी वो बेहद तनाव महसूस करते थे तो स्मोकिंग करने से उन्हें राहत मिलती थी।
सर्वे में शामिल 55 प्रतिशत लोगों ने इस बात को स्वीकार किया कि वो जानते हैं कि सिगरेट पीना उनके लिए कितना नुकसानदायक है व वो अपने स्वास्थ्य को लेकर बेहद फिक्रमंद भी हैं लेकिन इसके बावजूद भी वो धूम्रपान करते हैं। वहीं 55 प्रतिशत लोग ऐसे भी थे जिन्होंने माना कि उन्होंने सिगरेट की लत छोड़ने की बहुत प्रयास की लेकिन वो इसमें पास नहीं हो पाए। इसकी लत इतनी ज्यादा होती है कि एक बार लगने के बाद इसे छोड़ने के लिए बहुत ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में धूम्रपान करने वालों की कुल आबादी में से 12 प्रतिशत हिंदुस्तान से है। बता दें कि हमारे देश में लोग तंबाकू के सेवन से ज्यादा मरते हैं। सर्वे से प्राप्त आंकड़ों से इस बात का इशारा मिलता है कि सरकार धूम्रपान की समस्या का कोई प्रभावी तरीका व आवश्यक रणनीति बनाने की दिशा में जरूरी कदम उठाये।