एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में अपने 20 जहाजों को तैनात कर दिया है। यह क्षेत्र हिंदुस्तान के लिहाज से अहम है। ONGC विदेश व रूस की कंपनी Rosneft का इस इकोनॉमिक जोन में तेल ब्लॉक है।
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इसलिए, इस क्षेत्र में चाइना के जहाजों का रहना अच्छा नहीं है। जानकारी के मुताबिक, चाइना ने ONGC ब्लॉक के पास अपने दो कोस्ट गार्ड शिप को तैनात किया है। इस वर्ष में यह दूसरी बार है जब चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की है।
चीन ने इस क्षेत्र में 6 कोस्ट गार्ड शिप्स, 10 फिशिंग शिप्स, 2 सर्विस शिप्स को H6 बॉम्बर के साथ तैनात किया है। इसके अतिरिक्त फाइटर एयरक्रॉप्ट व मिड-एयर री-फ्यूलर भी है।चाइना के सैनिक वियतनाम के मेहनतकश जो वहां कार्य कर रहे हैं उन्हें जाने को कह रहे हैं। वियतनाम की तरफ से बयान जारी कर बोला गया कि चाइना ने यह गलत कदम उठाया है।
जानकारी के मुताबिक, पहली बार चाइना ने 3 जुलाई को यह हरकत की थी। हालांकि, 7 अगस्त को चाइना के जहाज वापस हो गए। उस समय चाइना के 35 जहाज जमा हो गए थे।लेकिन, एयरक्रॉफ्ट जैसी चीजें नहीं शामिल थीं। उसी दौरान ASEAN समिट हुआ था। 1-2 अगस्त को 20 राष्ट्रों के विदेश मंत्री मीटिंग में शामिल हुए। इसी के मद्देनजर चाइना ने 7 अगस्त को जहाज वापस बुला लिया।
तीसरी बार चाइना ने 13 अगस्त को यह हिमाकत की। वियतनाम की तरफ से चाइना के संबंधित अधिकारियों को अब तक 7 बार सम्पर्क किया जा चुका है। वियतनाम ने चाइना के विरूद्ध यह मुद्दा यूनाइटेड नेशन्स में भी उठाने की बात कही है। फिलहाल, इस घटना को लेकर वियतनाम ने हिंदुस्तान व रूस दोनों राष्ट्रों को सूचित कर दिया है।