प्यार के संबंध को विवाह में तब्दील करना एक बार सरल हो भी सकता है लेकिन जब लोग अरेंज मैरिज करते हैं तो उनके मन में अजीब सा भय व अनिश्चितता रहती है। यही वजह है कि विवाह का निर्णय लेना उनके लिए ज़िंदगी का सबसे कठिन कार्य बन जाता है। लड़कियों के साथ ऐसा ज्यादा होता है क्योंकि विवाह के बाद उन्हें एक पराये घर में पराये आदमी वघर वालों के साथ पूरी जिंदगी बितानी होती है। ऐसे में वो विवाह के कई प्रस्तावों को केवल अपने भय की वजह से ही ठुकरा देती हैं व कई बार अपने शादीशुदा दोस्तों के जरिए अपनी शंका का निवारण करना चाहती हैं। यहां तक विवाह की एक रात पहले तक उनके मन में कई सवाल व शंकाएं होती हैं। आइए जानते हैं विवाह से एक रात पहले क्या सोचती है भावी दुल्हनलड़कियां प्रारम्भ से ही सपनों के राजकुमार की कल्पना करती हैं। विवाह से कुछ समय पहले उनके मन में यही बात चल रही होती है कि क्या उनका होने वाला जीवनसाथी उनके लिए परफेक्ट है। क्या वो उसके साथ पूरी जिंदगी हंसी-ख़ुशी बिता पाएंगी। वो सोचती हैं कि क्या ये लड़का उनके नखरे झेलते हुए जिंदगी भर उनका साथ दे पाएगा।
लड़कियां चाहे कितना भी लेट विवाह क्यों न करें विवाह से पहली रात यही सोचती हैं कि कहीं मैंने ये निर्णय लेने में जल्दबाजी तो नहीं कर दी। जल्दबाजी में लिया ये निर्णय कहीं जिंदगी में अंधेरा ना भर दे। उन्हें ये भी लगता है कि क्या वो वैवाहिक ज़िंदगी की जिम्मेदारियां संभाल पाएंगी। या वो थोड़ा व समय रुक जाती तो शायद विवाह के लिए इससे अच्छा लड़का मिल जाता।
लड़कियां कई बार अपने ससुराल को लेकर भी उहापोह में रहती हैं। उनके मन में ये सवाल रहता है कि जितना प्यार व दुलार उन्हें अपने मायके में मिल रहा है क्या ससुराल में भी मिल पाएगा। क्या वो हमेशा की तरह अपनी आजादी वाली जिंदगी एन्जॉय कर पाएंगी।