युवतियों के साथ, बिहार के नेताओं की मौज-मस्ती के वायरल हुए वीडियो ने, सोमवार को खूब ड्रामा कराया. इसमें कई सीन रहे. ये बदलते रहे. आरंभ इससे हुई कि यह मटरगश्ती, बिहार के उन 4 विधायकों ने की है, जो स्टडी टूर पर मणिपुर गए थे. लेकिन वीडियो में युवती के साथ नाचते, हरकत करते कुर्ता-पायजामा धारी लोगों (नेताओं) का चेहरा, इन चारों विधायकों से नहीं मिला. ये विधायक बेहिसाब सफाई देते रहे. खैर, अब उनको तलाशा जा रहा है, जो वाकई युवतियों के साथ नाच रहे थे. चेहरे के हिसाब से इनका एक सत्ताधारी दल के जिला और प्रखंड स्तरीय नेता होने का अनुमान है.इस ड्रामा के केन्द्र में मणिपुर के एक अखबार की समाचार रही. समाचार व वीडियो में बताया गया कि विधायक यदुवंश यादव (राजद, पिपरा), शिवचंद्र राम (राजद, राजापाकड़), सचिंद्र प्रसाद सिंह (भाजपा, कल्याणपुर) तथा राजकुमार राय (जदयू, हसनपुर) स्टडी टूर पर मणिपुर आए थे. उन्होंने मोरेह में युवतियों के साथ डांस किया; अश्लील हरकत की. इन्हें कुछ पीते हुए भी दिखाया गया. खलबली मचा. राजनीतिक गलियारा सकते में. विधायकों की ताबड़तोड़ सफाई.
सब यही कहे कि वह बेशक मणिपुर गए थे. लेकिन इस वीडियो में बिल्कुल नहीं हैं. यह, उनको बदनाम करने की साजिश है. वीडियो में शामिल लोगों से इन विधायकों का चेहरा थोक भाव में चौतरफा मिलाया गया. अंतत: यही माना गया कि नाचने वालों में विधायक जी नहीं हैं. बहुत देर बाद अनुमान की शक्ल में यह बात सामने आई कि नाचने वाले, एक सत्ताधारी दल के समस्तीपुर जिला और हसनपुर प्रखंड इकाई के पदधारक हैं. वीडियो में शामिल लोगों से इनका चेहरा मिलता-जुलता सा है. लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
विधायक यदुवंश ने कहा- मानहानि का मुकदमा करेंगे
राजद विधायक यदुवंश यादव, जो मणिपुर गए विधायकों के टीम लीडर थे, ने कहा- ‘यह वीडियो हमने भी देखा. इसमें हमलोग नहीं हैं. वीडियो देखकर कोई भी यह गारंटी दे सकता है.यह फ्रॉडिज्म की हाईट है. हमें फंसाने, बदनाम करने की साजिश है. हरकत करने वाले ये दूसरे लोग कौन हैं, कहां के हैं, हमें नहीं पता. जिसने भी हमें प्रताड़ित किया है, उन पर मानहानि का मुकदमा करेंगे.‘
विधानसभा अध्यक्ष ने रिपोर्ट तलब की
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने विधायकों के साथ गए विधानसभा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. बोले- ‘वीडियो में जो लोग दिख रहे हैं, पहली नजर में वे विधायक नहीं हैं, लेकिन हमें जाँच रिपोर्ट का इंतजार है. विधानसभा की आंतरिक संसाधन समिति 30 मई 2019 से 3 जून 2019 तक मणिपुर गयी थी. जो समाचार आयी है उसी के आधार पर मैंने रिपोर्ट तलब की है. यह बेहद गंभीर मुद्दा है. रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी. यह विधायकों की मर्यादा का मुद्दा है.‘