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विश्वविद्यालय के 13 शिक्षक बने क्षय रोगियों के नि:क्षय मित्र

लखनऊ। आज लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के पण्डित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ समाज कार्य विभाग द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्य तिथि “समर्पण दिवस” के अवसर पर “प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान-2025” एवं “100- दिवसीय सघन टीबी अभियान” के अंतर्गत कुलपति प्रो आलोक कुमार राय के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के 13 शिक्षकों द्वारा नि:क्षय मित्र के रूप में क्षय रोग से पीड़ित बच्चो को गोद लेकर उन्हें पोषण पोटली वितरित करके किया गया।

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इसके अतिरिक्त समाज कार्य विभाग में नव सज्जित “प्रो सुरेंद्र सिंह सभागार” का लोकार्पण भी माननीय कुलपति महोदय द्वारा किया गया। इस सभागार को प्रो सुरेंद्र सिंह द्वारा समाज कार्य के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान एवं मूल्यों के रूप में समर्पित किया गया है। यह कार्यक्रम समाज कार्य विभाग के राधाकमल मुकर्जी सभागार में संपन्न हुआ।

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कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय उपस्थित रहे। आपने अपने उद्बोधन में पंडित जी के अंत्योदय की भावना को समाज कार्य विभाग द्वारा आत्मसात करने पर बधाई देते हुए कहा कि जिस प्रकार पंडित जी के विचार थे कि समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान हो सके इस प्रकार आज समाज कार्य विभाग ने क्षय रोग से पीड़ित पंक्ति के अंत में खड़े लोगों को गोद लेने का जो कार्य किया है, वह अत्यंत ही सराहनीय है।

13 University Teachers Become Nikshay Mitras of Tuberculosis Patients

कुलपति ने क्षय रोग उन्मूलन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए समाज से इस अभियान में जुड़ने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि कैसे यह कार्यक्रम समाज कार्य के विद्यार्थियों को अनुभवात्मक सीख देने का सर्वोत्तम तरीका है, जिसके सिद्धांतों एवं परिकल्पना का सूत्रपात विभिन्न समाजशास्त्रियों ने किया है। आपके द्वारा दीन दयाल उपाध्याय शोधपीठ के तत्वावधान में निकाली गई “अंत्योदय पत्रिका का विमोचन भी किया गया। उन्होंने कहा कि टीबी को समाप्त करने के लिए हमें न केवल चिकित्सा सहायता बल्कि मानसिक और भावनात्मक समर्थन भी मरीजों को देना होगा।

इस कार्यक्रम में लखनऊ जिला टीबी अधिकारी डॉ एके सिंघल ने टीबी उन्मूलन अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि “इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में सरकार, चिकित्सा संस्थान और समाज के हर नागरिक को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने जानकारी दी कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की माता की मृत्यु भी टीबी से हुई, उन्होंने बताया कि लखनऊ में 24000 तथा 6000 समीपस्थ जिलों में टीबी के मरीज हैं।

13 University Teachers Become Nikshay Mitras of Tuberculosis Patients

नि:क्षय पोषण हेतु 1000 रुपए प्रति माह सरकार की तरफ से सहायतार्थ है, आगे उन्होंने कहा कि केवल सरकारी प्रयासों से ही इसे समाप्त नहीं किया जा सकता समाज की सहभागिता भी अत्यंत आवश्यक है। टीबी के विविध पहलुओं उसका प्रसार, रोकथाम, उपचार, टीबी के चार पिलर, आहार, प्रोटीन, गजक, गुड, आदि के विषय में जानकारी दी। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे अपने आस-पास के जरूरतमंद मरीजों की मदद के लिए आगे आएं।

इस अवसर पर समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो राकेश द्विवेदी ने क्षय रोग उन्मूलन को लेकर विस्तृत जानकारी दी। विभाग द्वारा टीबी उन्मूलन हेतु किए गए प्रयासों के विषय में उन्होंने बताया। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 2025” का उद्देश्य क्षय रोग को समाप्त करना है और इसमें आम नागरिकों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति एक टीबी मरीज को गोद लेकर सहायता प्रदान करे, तो देश को इस बीमारी से मुक्त किया जा सकता है।

13 University Teachers Become Nikshay Mitras of Tuberculosis Patients

कार्यक्रम में विश्वद्यालय के विभिन्न शिक्षकों द्वारा नि:क्षय मित्र के रूप में नए टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लेने के पश्चात उनके पोषण किट वितरित की गई, जिसमें उनके स्वास्थ्य सुधार के लिए आवश्यक खाद्य सामग्री चना, गुड़, सत्तू, गजक आदि शामिल थे। यह पोषण पोटली आगामी 6 महीने तक नि:क्षय मित्रों द्वारा क्षय रोग से पीड़ित बच्चों को वितरित किया जाएगा। तत्पश्चात् नए नि:क्षय मित्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, जो टीबी मरीजों की सहायता के लिए समर्पित हैं। इस सम्मान से प्रेरित होकर अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान से जुड़ने का संदेश दिया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने “टीबी मुक्त भारत” की शपथ ली।

कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति प्रो मनुका खन्ना, कुलसचिव डॉ विद्यानंद त्रिपाठी, डीएसडब्ल्यू प्रो वीके शर्मा समेत विश्वविद्यालय के अन्य प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न संकायों के शिक्षक एवं 250 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

ये बने नि:क्षय मित्र

प्रो डीके सिंह, प्रो ओपी शुक्ल, डॉ रणविजय सिंह, प्रो एसपी सिंह, डॉ राहुल पांडे, डॉ प्रवीश प्रकाश, डॉ अमरेन्द्र कुमार, डॉ कमर इक़बाल, डॉ राजेश्वर यादव, डॉ रमेश कुमार त्रिपाठी, डॉ अंविता वर्मा, प्रो रूपेश कुमार और डॉ फाजिल हाशमी।

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