यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ के शासन में अपराध को लेकर भले ही जीरो टालरेंस की नीति हो पर इसका ग्राफ बढ़ता जा रहा है. यहां के फर्रुखाबाद जिले में रात 23 बच्चों को बंधक बनाने वाली वारदात ने को सिरफिरे ने वर्ष 2004 में रूस में हुई ऐसी घटना को देखने के बाद वारदात की साजिश को अंजाम दिया था.
कानपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) मोहित अग्रवाल ने शनिवार को बताया कि फर्रुखाबाद के कसरिया गांव में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए सुभाष बाथम ने रूस में हुई घटना का गहराई से अध्ययन करने के बाद बेटी के जन्मदिन के बहाने 23 बच्चों को घर बुलाकर बंधक बनाया था. ज्ञात हो कि 2004 में रूस के बेसलैन स्कूल में आतंकियों ने स्कूली बच्चों को स्कूल की इमारत में बंधक बना रखा था. इस घटना के दौरान रूस की सेना ने आतंकियों से बच्चों को आजाद कराने के लिए बड़ा ऑपरेशन चलाया था. इस कार्रवाई में 300 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. आईजी ने बताया, ‘सुभाष ने इसके अलावा पूर्व में अमेरिका में हुई इस तरह की घटनाओं का भी अध्ययन किया था.
उसके पास से बरामद मोबाइल फोन की पड़ताल करने पर पाया गया कि वह काफी दिनों से इस तरह की योजना बना रहा था. वह बम बनाने और तार के माध्यम से उसमें विस्फोट करने की विधि को मोबाइल फोन पर लगातार सर्च और डाउनलोड कर रहा था.’ अग्रवाल ने बताया, ‘सुभाष जिस तरह से मोबाइल फोन पर गतिविधियां कर रहा था, उससे लगता है कि उसने यह योजना अचानक नहीं बनाई थी. वह महीने-दो महीने से इस पर अध्ययन कर रहा था. सुभाष एक मामले में करीब डेढ़ माह पहले ही जेल से छूटकर आया था और हो सकता है कि जेल के साथियों की मदद से गोला-बारूद और बंदूक हासिल की हो.’