लखनऊ। आगामी अक्टूबर माह तक कोविड की संभावित तीसरी लहर में बच्चो को संक्रमण से बचाने के लिए केजीएमयू ने भी तैयारियां शुरु कर दी हैं। केजीएमयू प्रशासन का मानना है कि अगस्त तक अस्पताल में 100 बेड का बाल चिकित्सालय लगभग तैयार हो चुका है, जिसमें 50 बेड की पीआईसीयू (पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) और 50 बेड आइसोलेशन वार्ड में आक्सीजन सुविधा से पूर्ण। इतना ही नहीं तीसरी लहर के लिए केजीएमयू प्रशासन प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों के स्वास्थ्य कर्मियों को ऑनलाइन उपचार संबन्धित प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि प्रदेश के हर मेडिकल कॉलेज से संबन्धित जनपद के 2 से 4 जिला अस्पताल संबंद्ध होंगे। ताकि बच्चों को उचित इलाज, जिन पर गंभीर बच्चों का इलाज होगा उनकी मॉनिटरिंग संबन्धित मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ करेंगेलाज मिल सके। उन्होंने बताया कि हर जिला अस्पताल में 25 बेड का पीआईसीयू तैयार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि भारत में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगो का टीकाकरण किया जा रहा है।
18 से कम आयु के बच्चों के टीकाकरण की सुविधा अभी शुुरु नही हुई है, अत: बाल आयु वर्ग का प्रतिरक्षा तंत्र संक्रमण से लड़ने के लिए विकसित नहीं हुआ है। साथ ही स्कूल खोलने से, बाल वर्ग में कोविड नियम का अनुपालन सुनिश्चित करने में कठिनाई तथा वायरस म्यूटेशन के कारण बाल वर्ग में संक्रमित होने का खतरा अधिक है। डॉ. सिंह ने बताया कि तीसरे लहर में यदि फिर से दो महीने की अवधि में अधिक मामले घटित हों तो यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि तब बेड्स की कमी ना होने पाए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की 23 करोड़ आबादी में लगभग 42% की उम्र 18 वर्ष या उससे कम है। संख्या को ध्यान में रखकर ही प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में 50 बाल चिकित्सा आईसीयू/एचडीयू और 50 आइसोलेशन बेड ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ संचालित किए जाएंगे। केजीएमयू में विशेषज्ञ डाक्टरों का समूह है जो आपस में वर्चुअली लिंक रहते हैं। दूसरे मेडिकल कॉलेजों में एक महीने के लिए आईसीयू के 10 बेड्स के लिए आवश्यक उपकरणों और आपूर्ति की संख्या सुनिश्चित कर ली गयी है। बाल चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा, ईएनटी, सर्जरी और अन्य संबद्ध संकाय जो देखभाल के लिए आवश्यक हैं, इनको भी प्रशिक्षित किया जायेगा।