गाजियाबाद और आसपास के इलाके में आतंक का पर्याय बन गए 50 हजार के इनामी बदमाश विशाल उर्फ मोनू को पुलिस ने मुठभेड़ (encounter) में मारा गिराया है। शुक्रवार को हुए एनकाउंटर में उसका साथी फरार होने में कामयाब रहा।
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मोनू मुरादनगर क्षेत्र में हुए विद्युत निगम के ठेकेदार नवीन भारद्वाज और मोबाइल कारोबारी मुकेश गोयल की हत्या में फरार चल रहा था। मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी गोली लगने से घायल हुए हैं, जिन्हें उपचार के लिए जिला एमएमजी अस्पताल रेफर किया गया है। पिछले ही महीने एनसीआर के एक और कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना को यूपी पुलिस ने मेरठ में मार गिराया था।
शुक्रवार दोपहर को मुखबिर ने सूचना दी कि मोनू बुलेट लेकर अपनी बहन के घर से साथी संग मुरादनगर गंगनहर पटरी से होता हुआ जाएगा। क्राइम ब्रांच और ग्रामीण जोन की एसओजी टीम ने नहर पटरी पर घेराबंदी कर दी। चित्तौड़ा पुल के पास मोनू और पुलिस का आमना-सामना हो गया। मोनू और उसके साथी ने पुलिस को देखते ही गोलियां चलानी शुरू कर दी।
बचाव करते हुए पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। मुठभेड़ में मोनू गोली लगने से घायल हो गया, जबकि हेड कांस्टेबल अरुण और टिंकल चौधरी भी गोली लगने से घायल हो गए, जबकि मोनू का साथी फरार हो गया। तीनों को जिला एमएमजी अस्पताल भेजा गया, जहां मोनू को मृत घोषित कर दिया गया।
बीते 1 अप्रैल को मुरादनगर थानाक्षेत्र के उखलारसी गांव में विद्युत निगम के ठेकेदार नवीन भारद्वाज की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना को उखलारसी गांव के विशाल उर्फ मोनू ने साथियों संग मिलकर अंजाम दिया था।
इसके बाद से वह फरार चल रहा था। पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। थाना पुलिस समेत कमिश्नरेट की स्वाट टीम सरगर्मी से उसकी तलाश में जुटी हुई थी, लेकिन इसके बावजूद मोनू ने 23 मई को मुरादनगर में मोबाइल कारोबारी मुकेश गोयल पर गोलियां बरसा कर मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने मोनू की गिरफ्तारी को चुनौती मानते हुए तीन टीमों को लगाया था।