लखनऊ। नवयुग कन्या महाविद्यालय के इतिहास विभाग के द्वारा आज गोंडवाना की वीरांगना रानी दुर्गावती की 500वी जन्म जयंती मनायी गयी। इस मौके पर प्रचार्या तथा अन्य प्रवक्ताओं ने रानी दुर्गावती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया।
कार्यक्रम में विभागध्यक्ष प्रो शोभा मिश्रा ने रानी दुर्गावती के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 1524में कालिंजर के चंदेल राजा कीर्ति सिंह के घर दुर्गाष्टमी के दिन उनका जन्म हुआ, इसी लिए उनका नाम दुर्गावती रखा गया। विवाह गोंडवाना के राजा संग्राम सिंह के पुत्र दलपट शाह से हुआ।
पति की असमय मृत्यु के बाद पुत्र वीर नारायण की संरक्षिका के रूप में शासन सम्भाला। मुग़लों से अपने साम्राज्य की रक्षा की रक्षा करते समय युद्धभूमि में लड़ते हुए घायल होने के बाद स्वयं अपनी कटार से अपने प्रणों की आहुति दे दी। व्याख्यान के बाद छात्राओं ने स्पीच कम्पटीशन में भाग लिया।
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निर्णायक मंडल में शामिल प्रो सृष्टि श्रीवास्तव तथा प्रो जयोतिका राठौर ने छात्राओं को सुना और अपना निर्णय दिया।
प्रतियोगिता में शामिल निष्ठा यादव ने प्रथम, सुरभि त्रिपाठी ने द्वितीय, सुप्रिया गोपाल ने तृतीय, सिमरन तथा वैष्णवी शुक्ला ने सांत्वना और सोनम अवस्थी ने विशेष पुरस्कार जीता।
कार्यक्रम को सफल बनाने में इतिहास विभाग की प्रो सुषमा त्रिवेदी का भी विशेष योगदान रहा। प्रचार्या प्रफ़ेसर मंजुला उपाध्याय ने आशीर्वचन देते हुए रानी दुर्गावती के जीवन और संघर्ष से जुड़ी अनसुनी बातों पर प्रकाश डाला और छात्रों के प्रयासों को सराहा।