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राजस्थान के गांव की 60 फीसदी आबादी बीमार, हर घर में 5 मरीज, जानने के लिए पढ़े पूरी खबर

राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक गांव की 60 फीसदी आबादी बीमार पड़ गई है। इतनी ज्यादा संख्या में लोगों के बीमार पड़ने के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारी अलर्ट मोड पर है। हालात यह है कि इस गांव के लगभग हर घर में 3 या 4 मरीज हैं।

इतना ही नहीं कई घर ऐसे भी हैं जहां रहने वाले सभी सदस्य अस्पताल में भर्ती हैं। बीमार लोग या तो बाड़मेर या फिर जोधपुर और बाहरी इलाकों के स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती हैं। इधर इस बात की सूचना मिलने के बाद हड़कंप मचा हुआ है और स्वास्थ्य विभाग ने हेल्थ स्क्रीनिंग के लिए अपनी विशेष टीम को गांव में भेजा है। इस गांव का नाम तीरसिगड़ी है और यह जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर है।

इस गांव में 90 फीसदी लोग डेंगू और मलेरिया और वायरल जनित अन्य रोगों से पीड़ित हैं। यह मामला उस वक्त उजागर हुआ जब इसी गांव के कई सारे लोग अचानक अस्पताल में भर्ती हो गये। जिसके बाद प्रशासन ने इसपर संज्ञान लिया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने डेंगू, कोविड, मलेरिया और बीमारियों के नमूने जुटाए हैं। बाड़मेर के चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर डॉक्टर सी.एस. गजराज का कहना है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि यहां कोई वायरल इन्फेक्शन फैला है लेकिन असली तथ्य मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आ पाएगा।

तीरसिगड़ी गांव के रहने वाले गफूर खान ने बताया कि वो पिछले 5 दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें पेट में दर्द औऱ बुखार की शिकायत है। उन्होंने कहा कि गांव के ज्यादातर लोग बीमार हैं। ज्यादातर लोगों को पेट में दर्द और बुखार के लक्षण हैं। गांव के एक अन्य निवासी अलीम ने कहा कि उनके परिवार के 10-12 लोग बीमार हैं। इनमे से कुछ जोधपुर में भर्ती हैं तो कुछ बाड़मेर के अस्पताल में एडमिट हैं। उन्के मुताबिक, गांव में 250 घर हैं, जिनमें 60 फीसदी से ज्यादा लोग बीमार हैं। इस वक्त बाड़मेर के सरकारी अस्पताल में 23 लोग भर्ती हैं और 13 लोगों को जोधपुर रेफर किया गया है।

डॉक्टर सी एस गजराज के मुताबिक, गांव में डेंगू के 5 मामलों की पुष्टि हुई है। 31 मार्च को गांव में डेंगू का पहला केस मिला था। उन्होंने बताया कि मेडिकल टीम को गांव में भेजा गया है और एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।

जिला कलेक्टर लोक बंधू ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को कहा गया है कि वो डोर-टू-डोर कैंपेन सर्वें करें। स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं कि वो फॉगिंग के साथ-साथ मेडिसिन किट भी बांटे। उन्होंने कहा कि तहसीलदार औऱ बीडीओ की टीम भी स्वास्थ्य विभाग के साथ कोऑर्डिनेट कर रही है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि अगर आसपास के किसी भी गांव में इन बीमारियों के लक्षण मिलते हैं तो उसपर तुरंत ऐक्शन लिया जाए।

स्थानीय विधायक मेवाराम जैन का कहना है कि हालात की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि वो जरूरी उपाय करें और यह भी जानकारी जुटाएं कि आखिर हालात ऐसे हुए कैसे। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि वो यह पता लगाएं कि यह बीमारी है क्या और फैली कैसे?

 

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