समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार के रहते उत्तर प्रदेश कभी ‘उत्तम प्रदेश’ नहीं बन पाएगा और नहीं नागरिकों में सुरक्षा का भाव रहेगा। कानून व्यवस्था पर लम्बे-लम्बे भाषण देने वाले मुख्यमंत्री खुद अपने प्रदेश को सम्हालने में विफल रहे हैं। वे दूसरे प्रदेशों में जाकर अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। उनके मुख्यमंत्री रहते प्रदेश बदनामी और बदहाली से उबर नहीं पाएगा। चारों तरफ जंगलराज है। राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते प्रशासनतंत्र पूर्णतया निष्क्रिय हो चला है।
मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने कितनी तरक्की कर ली है इससे जाहिर है कि ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स 2020 के अनुसार प्रदेश का एक भी शहर टाप टेन में नहीं है। स्वास्थ्य एवं आवासीय सेवाएं, पीने का पानी, साफ-सफाई आदि की स्थिति यूपी के शहरों में अच्छी नहीं मिली है। कितनी शर्मनाक हालत है कि राजधानी लखनऊ देश के रहने वालों शहरों की सूची में 26वें स्थान पर ठहर गया है।
कानून व्यवस्था की दशा तो यह है कि विधान भवन के सामने ही एक दारोगा ने खुद को गोली मार ली। लोक भवन के सामने आत्मदाह का प्रयास करने वालों की भी संख्या कम नहीं रही है। सम्भल में दुष्कर्म पीडि़ता को लगातार मिल रही धमकी, न्याय न मिलने के चलते खुदकुशी की घटना दुःखद है, साथ ही अत्याचार की सभी हदें पार होने का नमूना भी।
प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर कोई नियंत्रण नहीं है। रोज बहन बेटी की अस्मत लूटी जा रही है। समाजवादी पार्टी की सरकार ने अपराध नियंत्रण के लिए यूपी डायल 100 तथा 1090 जैसी योजनाएं बनायी थीं। भाजपा सरकार ने इन योजनाओं पर भी पानी फेर दिया है और अब वह पिंक बूथ, नारी शक्ति जैसे टोटकों से लोगों को बहकाने में लगी है।
विगत दो दिनों में ही एटा में दो मासूम बच्चियों से दरिंदगी। अलीगढ़ में युवती से सामूहिक दुष्कर्म। महोबा में एक बेटी के साथ गैंगरेप, अमरोहा में भी युवती से सामूहिक दुष्कर्म की घटनाओं के साथ वीवीआईपी जनपद गोरखपुर में एक नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म होना जताता है कि पुलिस तंत्र का मनोबल कितना गिरा हुआ है। बुलन्द शहर में छह दिन से लापता किशोरी की हत्या। मुरादाबाद में ट्रांसपोर्टर की बेटी की हत्या कर शव फेंका गया। प्रयागराज में फिरौती के लिए ग्रामीण की हत्या हुई।
बंगाल में राजनीतिक हत्याओं पर घडि़याली आंसू बहाने वाले सीएम उत्तर प्रदेश में सत्ता संरक्षण में निरंतर जारी समाजवादी पार्टी के नेताओं की हत्या और बेलगाम अपराध पर मौन धारण किए है। इटावा में बदमाशों ने समाजवादी पार्टी के नेता की गोली मारकर हत्या कर दी। कानपुर में दुष्कर्म असफल रहने पर बच्ची को कुंए में फेंक दिया गया।
गम्भीर मामलों में भी पुलिस का ढुलमुल रवैया, रफादफा करने में ही रहता है। कहां है मिशन शक्ति? कहां है एन्टी रोमियों स्क्वायड? फरियादी को टरकाते रहेंगे फिर कैसे मिलेगा न्याय और कैसे रूकेगा अपराध? अपराधियों के आगे नतमस्तक और आम नागरिकों पर वर्दी का रौब। जनता ने इसीलिए ठान लिया है कि वह 2022 के विधानसभा चुनाओं में मतदान के जरिए वर्तमान भाजपा सरकार के कुशासन को समाप्त करने के लिए साइकिल को ही रफ्तार देगी।