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पश्चिम बंगाल के 70 लाख किसान ममता की वजह से पीएम मोदी की इस योजना से है वंचित

पीएम नरेंद्र मोदी की पसंदीदा योजना पीएम-किसान सम्मान निधि का फायदा देशभर के किसान उठा रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल के 70 लाख किसान इस फायदा से वंचित हैं. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की इस योजना पर असहमति के कारण प्रदेश में यह योजना अब तक लागू नहीं हो पाई है. शुरुआत में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी पीएम-किसान योजना के आलोचक थे, मगर बाद में उन्होंने अपना विचार बदला  पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को फायदा दिलाने के लिए मोदी की योजना को स्वीकार कर लिया. लेकिन ममता बनर्जी इस योजना की मुखर आलोचक बनी हुई हैं, इसलिए वह अपने प्रदेश में इसे लागू होने देने के पक्ष में नहीं हैं.

इस तरह केन्द्र  प्रदेश सरकार की इस तकरार में पश्चिम बंगाल के गरीब किसान लाचार दिख रहे हैं, जो पीमए-किसान योजना के फायदा से वंचित हैं. प्रदेश के किसानों की इस योजना में दिलचस्पी ऐसी है कि केन्द्र सरकार द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि पोर्टल पर किसानों को खुद औनलाइन पंजीयन करने का विकल्प देने के बाद प्रदेश के 45,000 किसानों ने इस पर अपना पंजीयन करवा लिया है. मगर, दर्ज़ किसानों को पीएम-किसान सम्मान निधि का फायदा तभी मिल पाएगा, जब प्रदेश सरकार द्वारा इनके पात्र लाभ पाने वाले होने का सत्यापन किया जाएगा.

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव और पीएम-किसान के सीईओ विवेक अग्रवाल ने कहा, “पीएम-किसान सम्मान निधि पोर्टल पर दर्ज़ किसानों के विवरण प्रदेश सरकारों के पास भेजे जाते हैं, जहां से आधार और भू-राजस्व के रिकॉर्ड की जाँच के बाद उनकी पात्रता की जाँच की जाती है. जाँच की इन प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद ही पात्र किसानों के खाते में पीएम-किसान योजना की राशि का ट्रान्सफर किया जाता है.

ऐसे में पश्चिम बंगाल के किसानों को पीएम-किसान का लाभ तभी मिल पाएगा, जब प्रदेश सरकार उनकी पात्रता का सत्यापन करेगी. बनर्जी के इस रुख को बीजेपी (भाजपा) अक्सर संकीर्ण सियासी मानसिकता का परिचायक बताती रही है. मगर, सियासी दलों के बीच इस तकरार से किसानों का हक मारा जा रहा है. भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के ऑफिसर अग्रवाल ने बताया कि पीएम-किसान सम्मान निधि का फायदा देश के 7.20 करोड़ किसानों को मिलने लगा है, जिन्हें अब तक 33,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है.

पीएम-किसान सम्मान निधि में एक किसान परिवार को सालाना 6,000 रुपए सीधे हस्तांतरित किया जाता है. तीन किस्तों में इस राशि का भुगतान किया जाता है  प्रत्येक किस्त की राशि 2,000 रुपए होती है. किसानों को इस योजना का फायदा पिछले वर्ष दिसंबर महीने से ही दिया जा रहा है. मगर, किसान जब इस योजना से जुड़ते हैं  इसके तहत अपना पंजीकरण करवाते हैं, उसी समय से उनको योजना का फायदा मिलता है. ऐसे में पश्चिम बंगाल के किसान अब तक तीन किस्तों यानी 6,000 रुपए का फायदा पाने से वंचित रह गए हैं. यह राशि किसानों को कृषि काम में मदद के लिए दी जाती है, जिसका प्रयोग वे बीज और उर्वरक खरीदने और अन्य आवश्यकतों को पूरा करने में करते हैं.

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