किस न सिर्फ एक हेल्दी रिलेशनशिप, बल्कि इसके सेहत से जुड़े भी कई फायदे बताए जाते हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, एक रोमांटिक किस शरीर से 2 से 26 कैलोरी तक घटा सकता है. पार्टनर के अलावा परिवार के सदस्यों या दोस्तों को दिए जाने वाले किस के भी कई मानसिक और शारीरिक फायदे होते हैं. किस-डे के मौके पर जानते हैं कि साइंस इस विषय पर क्या कहता है.
हैप्पी हार्मोन्स– किसिंग आपके ब्रेन को कैमिकल्स का एक कोकटेल रिलीज करने के लिए ट्रिगर करता है, जिससे आपको अच्छी फीलिंग्स आती है. इसमें ऑक्सीटोसिन, डोपामिन और सेरोटोनिन जैसे कैमिकल्स होते हैं, जो आपकी भावनाओं और जुड़ाव को मजबूत बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
ऑक्सीटोसिन– ऑक्सीटोसिन एक कैमिकल है, जिसका संबंध कप्लस की बॉन्डिंग से है. ये कैमिकल उस वक्त रिलीज होता है, जब आप किसी से खास जुड़ाव महसूस करते हैं. आपके लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप के साथ-साथ कई तरह के सेहत संबंधी मामलों में भी इसकी खास भूमिका होती है.
स्ट्रेस-एन्जाइटी से राहत– किसिंग के दौरान जब कोर्टिसोल लेवल कम होता है तो इंसान तनाव मुक्त भी महसूस करता है. किसिंग के साथ-साथ एफेक्शन कम्यूनिटिकेट जैसे कि गले लगना या आई लव यू कहना भी हमारे साइकोलॉजिकल प्रोसेस के लिए बेहतर माना जाता है.
ब्लड प्रेशर– एक प्रसिद्ध किताब की लेखिका एंड्रिया डिमिर्जियां कहती हैं, ‘किस हमारे हार्ट रेट को बढ़ाकर रक्त वाहिकाओं को डाइलेट करती है. रक्त वाहिकाओं के डाइलेट होने से ब्लड फ्लो बढ़ जाता है और ब्लड प्रेशर तुरंत कम हो जाता है.’
सिरदर्द ऐंठन से राहत– रक्त वाहिकाओं के डायलेट होने और रक्त प्रवाह के बढ़ने से ऐंठन की समस्या से भी राहत मिलती है. एक्सपर्ट कहते हैं कि रक्त वाहिकाओं के डायलेशन से जब ब्लड प्रेशर नीचे आता है तो सिरदर्द जैसी समस्याओं से भी राहत मिल जाती है.
कॉलेस्ट्रोल इम्प्रूवमेंट– 2009 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक रोमाटिंग किसिंग का अनुभव शरीर में कॉलेस्ट्रोल लेवल से भी जुड़ा हुआ है. किस शरीर में कॉलेस्ट्रोल लेवल को मेंटेन रख सकती है. इससे हार्ट डिसीज और स्ट्रोक का जोखिम भी कम हो सकता है.
कैलोरी बर्न– एक्सपर्ट कहते हैं कि किस हमारे शरीर की कैलोरी को तेजी से बर्न कर सकता है. एक मिनट का किस 2 से 26 कैलोरी तक घटा सकता है. इसे वजन घटाने का बेस्ट फॉर्मूला बेशक न समझा जाए, लेकिन ये सच है कि इससे एक्स्ट्रा कैलोरी घटती है.
आत्मविश्वास पर प्रभाव– किसिंग से शरीर में हैप्पी हार्मोन बूस्ट होता है और कॉर्टिसोल लेवल घटता है. इससे हमारा आत्मविश्वास और अधिक प्रबल होता है. साल 2016 में हुई एक स्टडी में अनहैप्पी लोगों में कॉर्टिसोल का स्तर काफी ज्यादा पाया गया था.