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NIT सिलचर के 84 कर्मचारियों ने दी आत्महत्या की धमकी, वजह जानकर चौक जाएँगे आप

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिलचर के 84 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने आत्महत्या करने की चेतावनी दी है। यह चेतावनी संस्थान द्वारा नान टीचिंग स्टाफ की वैकेंसी का विज्ञापन निकालने के बाद दी गई है।

इन कर्मचारियों का कहना है कि हमारी नियुक्ति साल 1989 में हुई थी। बीते 34 साल से हम लोग संविदा कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं। अब संस्थान 109 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती करने जा रहा है। ऐसे में इन कर्मचारियों को डर है कि कहीं इसके चलते इन लोगों को अपनी नौकरी से हाथ न धोना पड़े।

57 साल के चंपालाल गोड़ ने बताया कि उन्हें एक फरवरी 1989 को नियुक्त किया गया था। उस वक्त यह संस्थान क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज हुआ करता था। उन्होंने बताया कि इसके तत्कालीन रजिस्ट्रार पीएल चौधरी ने उन्हें नियुक्त करते हुए अपॉइंटमेंट लेटर में लिखा था कि आपका नाम जिला रोजगार कार्यालय, सिलचर द्वारा ग्रेड-4 पद के लिए प्रायोजित किया गया है।

इसलिए आपसे अनुरोध है कि 1 फरवरी, 1989 को सभी मूल प्रमाणपत्रों के साथ ऑफिस में उपस्थित हों। गौड़ के मुताबिक कुल 122 लोगों की नियुक्ति हुई थी, जिनमें से 22 को बाद में स्थायी कर्मचारी बना दिया गया। वहीं, 100 कर्मचारी अभी भी संविदा कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं। स्थायी कर्मचारियों को हर महीने 65,000 रुपए मिलते हैं। जबकि उसी काम के लिए हम लोग मात्र 12,000 रुपए पाते हैं।

तपन धर ने कहा कि संविदा पर तैनात 84 कर्मचारियों को उनकी उम्र के चलते इस बार नियुक्ति नहीं मिलेगी। दशकों तक यहां काम करने के बाद इन लोगों को कुछ खास मिलना चाहिए था। जब हमने एनआईटी सिलचर के रजिस्ट्रार से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने यह फुटपाथ पर रहने वाले लोग हैं।

साथ ही किसी भी तरह के समर्थन से इनकार कर दिया। चतुर्थ श्रेणी के 84 कर्मचारियों ने कहा कि वे एक बार केंद्र सरकार से अपील करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारी मदद करेंगे। कर्मचारियों ने कहा कि यदि हम वहां असफल होते हैं, तो हमारे पास आत्महत्या करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा। हम सिलचर एनआईटी के सामने खुद को मार डालेंगे।

कर्मचारी दशकों से अपने पदों को अपग्रेड करने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों के अनुसार, केंद्र सरकार भी इस बात के लिए सहमत हो गई थी। लेकिन एनआईटी सिलचर के अधिकारी कुछ वजहों से इनकार कर रहे हैं। तपन धर ने कर्मचारियों की तरफ से बताया कि उन्होंने अपनी मांग के साथ गुवाहाटी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

हाई कोर्ट ने 2021 में इन ग्रेड-4 कर्मचारियों के नियमितीकरण के बिना किसी भी भर्ती पर प्रतिबंध लगा दिया था। धर ने कहा कि सभी सरकारी संस्थानों में रिक्त पदों पर भर्ती के केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद, एनआईटी सिलचर अधिकारियों ने इस साल 7 जुलाई को गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए एक विज्ञापन जारी किया। इसमें अधिकांश पदों पर सीधी भर्ती हुई है।

 

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