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जनरेशन ज़ी के 87 फीसदी युुवाओं के अनुसार काम के दबाव के साथ हैं रिश्ते

नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों के दौरान हर व्यक्ति के जीवन में मानसिक स्वास्थ्य यानि मेंटल वैलबींग का महत्व बहुत अधिक बढ़ा है। आज इस विषय पर खुुलकर चर्चा की जा रही है। दुनिया भर में युवा व्यस्क मेंटल वैलनैस पर ध्यान देते हुए अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना चाहते हैं। जहां एक ओर रोज़मर्रा के तनाव और चिंता पर बढ़ रही चर्चा अच्छी बात है।

वहीं सामाजिक ज़रूरतों को पूरा न कर पाने का तनाव आज की युवा पीढ़ी के भावनात्मक एवं सामाजिक कल्याण को प्रभावित कर रहा है। जनरेशन ज़ी हो या मिलेनियल्स, पुरूष हों या महिलाएं, आज हर कोई तनाव से जूझ रहा है, कारण चाहे जो भी हो। मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर आईटीसी फियामा ने नीलसन आईक्यू के सहयोग से मानसिक स्वास्थ्य पर अपने दूसरे अध्ययन (मेंटल वैलबींग सर्वे) के परिणाम जारी किए। यह सर्वेक्षण भारत के युवाओं में बदलती जीवनशैली के साथ तनाव के कारणों पर रोशनी डालता है।

अध्ययन से पता चला है कि मिलेनियल्स के उनके रिश्ते ही तनाव की सबसे बड़ी वजह हैं और जनरेशन ज़ी की बात करें तो ब्रेकअप उनके लिए तनाव का एकमात्र सबसे बड़ा कारण है।काम और करियर से जुड़े फैसले भारतीयों के लिए तनाव का मुख्य कारण होते हैं, 81 फीसदी मिलेनियल्स और 47 फीसदी जनरेशन ज़ी के लिए काम से जुड़े पहलु तनाव का एकमात्र सबसे बड़ा कारण हैं। फियामा मेंटल वैलबींग सर्वे के अनुसार महिलाओं के लिए तनाव के कारण पुरूषों से अलग हैं। पुरूषों की तुलना में महिलाएं काम का तनाव ज़्यादा महसूस करती हैं, 71 फीसदी महिलाओं का कहना हैं कि वे सफलता के सामाजिक मानकों पर खरा उतरने के लिए दबाव महसूस करती हैं, 72 फीसदी का कहना है कि कार्यस्थल पर सोमवार का तनाव सच में बहुत ज़्यादा होता है।

87 फीसदी जनरेशन ज़ी के लिए रिश्तों के लिए संघर्ष तनाव का एकमात्र सबसे बड़ा कारण है, हर 3 में से 1 युवा के अनुसार ब्रेकअप की वजह से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। 86 फीसदी महिलाओं के अनुसार ब्रेकअप का तनाव पुरूषों की तुलना में महिलाएं अधिक महसूस करती हैं, परिवार और साथी के साथ रिश्ता बनाए रखने का दबाव उनके लिए तनाव का मुख्य कारण है। सर्वेक्षण के बारे में बात करते हुए समीर सतपथी, डिविज़नल चीफ एग्जीक्यूटिव, पर्सनल केयर प्रोडक्ट बिज़नेस, आईटीसी लिमिटेड ने कहा, ‘आईटीसी फियामा भारत के मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

‘फील गुड विद फियामा’ पहल के तहत फियामा मेंटल वैलबींग सर्वे का आयोजन किया गया, जिसके माध्यम से लोगों के रोज़मर्रा के जीवन में चिंता और तनाव के कारणों को जानने का प्रयास किया गया। इसके अलावा यह पहल युवा व्यस्कों को तनाव के कारणों के बारे में बात करने और तनाव से राहत पाने में मदद करती है। माइंड्स फाउन्डेशन के सहयोग से आईटीसी फियामा मानसिक स्वास्थ्य के लिए अपने पहले वर्चुअल क्लिनिक के माध्यम से सक्रिय थेरेपी उपलब्ध कराता है।

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