इस वक्त देशभर में कोरोना कोहराम मचाये हुए है। भारत में अबतक कोरोनावायरस के 107 केस आ चुके हैं और इनमें से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसको देखते हुए शनिवार को मोदी सरकार ने कोरोना वायरस से मौत होने पर स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड से मृतकों के परिजनों को 4 लाख की मुआवज़ा राशि देने का ऐलान किया था। इसपर भारत सरकार के जॉइंट सेक्रेटरी संजीव कुमार जिंदल ने अधिसूचना जारी कर जानकारी दी कि अब भारत सरकार ने कोरोनावायरस से मरने वालों को मुआवज़ा देने के फैसले को वापस ले लिया है।
क्यों वापस लिया गया मृतकों को मुआवज़ा देने का फैसला ?
उन्होंने बताया कि अब यह मुआवज़ा स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड के तहत कोरोना वायरस के इलाज में होने वाले खर्च के लिए दिया जाएगा। इसका सीधा ये मतलब है कि अब अगर कोई कोरोनावायरस की चपेट में आ जाता है, तो उसके आइसोलेशन और जांच से लेकर इलाज तक में होने वाला खर्च ही सरकार द्वारा दिया जायेगा। इसके आलावा उन्होंने ये भी कहा कि स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड से धनराशि देने का फैसला भी राज्य सरकार के ऊपर ही होगा।
गौरतलब है कि भारत सरकार कोरोनावायरस को लेकर बेहद सतर्कता बरत रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारतीय कंपनियों के दवाइयां एक्सपोर्ट करने पर रोक लगा दी है जिससे आपातकालीन स्थिति में हमारे पास जरूरत के मुताबिक दवाइयां मौजूद रहे।
कोरोनावायरस के खतरे से निपटने के लिए कई राज्य सरकारों ने एहतियात के तौर पर स्कूल-कॉलेज, सिनेमाहॉल और मॉल को अगले आदेश तक बंद रखने को कहा है। वहीं दिल्ली में इसके लिए स्पेशल कंट्रोल रूम तैयार किया गया है। जहां हर दिन हजारों फोन कॉल्स और ईमेल आ रहे हैं। यहां बैठे एक्सपर्ट्स लोगों को सुझाव दे रहे हैं।
कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए भारत सरकार किसी भी तरह की चूक नहीं होने देना चाहती है इसलिए एक-एक केस को महत्वपूर्ण मानकर काम किया जा रहा है।