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वसीम जाफर ने संन्यास की घोषणा के बाद दिया एक बड़ा बयान, कहा:’मैं अपने कमबैक के करीब था लेकिन…’

भारत के घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने वाले भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने संन्यास की घोषणा करने के बाद बड़ा बयान दिया है. उन्होंने रियाटरमेंट के बाद पहली बार अपने विचारों को खुलकर रखते हुए भारतीय क्रिकेट और चयन-प्रक्रिया पर कई सवालिया निशान खड़े किए. जाफर ने बताया कि वक्त के साथ कैसे क्रिकेट ने खिलाड़ियों की शैली को भी प्रभावित किया है.

एक स्पोर्ट्स वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में वसीम जाफर कहते हैं,” मेरे पास कमबैक के कई मौके आए लेकिन दुर्भाग्यवश मैं टीम इंडिया में कभी कमबैक कर नहीं पाया. और ऐसा सिर्फ मेरे साथ ही नहीं, बल्कि कई खिलाड़ियों के साथ होता है. उन्हें लगता है कि उन्हें चुना जाना चाहिए लेकिन दुर्भाग्य है कि उन्हें चुनने के लिए बैठा शख़्स कुछ और सोच रहा होता है. ईमानदारी से कहूं तो मैं इसे अपना भाग्य समझकर आगे बाद चुका हूं.”

राहुल द्रविड़ और लक्ष्मण जैसे खिलाड़ियों को नहीं मिला सम्मान

फटाफट क्रिकेट के दौर में जहां एक ओर आईपीएल ने देश को कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिए हैं वहीं घरेलू क्रिकेट के कई सितारे, लगातार अच्छा प्रदर्शन करने पर भी राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं बना पा रहे हैं. इसी समस्या पर जोर डालते हुए जाफर कहते हैं,” मुझे लगता है अब समय बदल गया है. मेरे समय में भी देखेंगे तो मुझे नहीं लगता है कि राहुल द्रविड़ या वीवीएस लक्ष्मण को उतना सम्मान मिला जितना उन्हें मिलना चाहिए था. अब टी-20 को अधिक महत्त्व दिया जा रहा है. जो लोग विज्ञापन या मार्केटिंग बिज़नेस में हैं उन्हें वो खिलाड़ी चाहिए जो ज्यादा ग्लैमरस हो, टीवी पर ज्यादा आता हो या उस शैली में खेलता हो जो लोगों को ज्यादा पसंद आती है. इसलिए कह सकते हैं कि समय बदल गया है.

तीनों फॉर्मेट हैं महत्वपूर्ण

जाफर आगे कहते हैं, “लेकिन आप टी-20 खिलाड़ी को भी कम महत्त्व नहीं दे सकते क्योंकि वही आज के समय की मांग है. मुझे लगता है कि आज के दिन हर क्रिकेटर को तीनों फॉर्मेट के अनुसार खुद को ढालना चाहिए. आपको तभी याद रखा जाएगा जब आप तीनों फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन करेगा. मैं चेतेश्वर पुजारा को गलत नहीं कह रहा हूं, लेकिन सच तो ये है कि वो सिर्फ एक ही फॉर्मेट खेल पा रहे हैं.”

मुंबई की ओर से अपने करियर की शुरुआत करने वाले वसीम जाफर ने 12038 रन बनाए, जो एक रिकॉर्ड है. उनके अलावा किसी और खिलाड़ी ने इस प्रतिष्ठित घरेलू ट्रॉफी में दस हजार का आंकड़ा नहीं छुआ है. वसीम जाफर 2015-16 सीजन से पहले विदर्भ चले गए थे. उन्होंने लगातार दो बार (2018 और 2019) विदर्भ को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई. वर्तमान में वसीम जाफर किंग्स इलेवन पंजाब के बल्लेबाजी कोच हैं. वह आईपीएल 2020 में पंजाब की टीम को बल्लेबाजी के गुर सिखाएंगे.

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