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लॉकडाउन का पालन कराने में जिला प्रशासन के छूट रहे पसीने, नहीं मिल रहा जनता का सहयोग

मोहम्मदी/खीरी। कोरोना वायरस से जनता को बचाने के लिये सरकार के द्वारा लगाए गए ‘‘लाकडाउन’’ पर अमल कराने में पुलिस और प्रशासन को अब पसीने छूटने लगे है। 26 मार्च को मात्र एक दिन प्रशासन को जनता का सहयोग दिखाई दिया, लेकिन शुक्रवार से फिर जनता बिना किसी सुरक्षा के सड़को पर बेवजह घूमती नज़र आ रही है।

इनमें महिलाओ की भी खासी संख्या दिखाई दे रही है। बाइक लेकर घूमता और सड़को, गली-कूचो में झूण्ड लगाए युवाओ पर पुलिस की अपील और सख्ती भी बेमानी हो रही है। प्रशासन के लिये नगर सीमा में दिल्ली, गाजियाबाद से आने वाले भारी संख्या में मजदूर यात्री परेशानी का सबब बनते जा रहे है।

आज रोडवेज की बसे इन यात्रियो को प्रदेश की सीमा व दिल्ली से लाकर उनके गणतव्य तक पहुंचाने के लिये चले जाने से एसडीएम, सीओ ने खासी राहत सी महसूस की है।
पुलिस एवं प्रशासन तथा समाजसेवी संस्थाओ के द्वारा इस खुखार महामारी से जनता को बचाने के निरन्तर प्रयास किये जा रहे है तथा लाकडाउन पर पूरी तरह से अमल करने की अपील और सख्ती दोनो की जा रही है फिर भी लोग है कि मानते ही नही।

सुरक्षा के बिना उपाये के सड़को पर घूमने, तिराहे, चैराहो एवं मोहल्लो की गलियो जमघट लगाए ठिठोलिया करते और गुटखे की पीक से सड़को पर थूक कर पेन्टिग बनाने में लगे है। आज कोतवाली के वरिष्ट उपनिरीक्षक अमरनाथ राय दलबल के साथ सड़को पर घूमते लोगोे को घरो में रहने सुरक्षित जीवन अनमोल है का पाठ पढ़ाते नज़र आये। इंस्पेक्टर संजय त्यागी नगर से लेकर गांवो तक लोगो को अपने जीवन की रक्षा का पाठ पढाते नज़र आये। एसडीएम स्वाति शुक्ला एवं सीओ प्रदीप कुमार यादव लाकडाउन पर अमल कराने और लोगो से अपने अमूल्य जीवन की रक्षा के लिये घरो में रहने की अपील करते नज़र आये।

लेकिन जनता है कि मानती ही नहीं विशेष रूप से अनपढ़, जाहिल जनता ‘‘जानलेवा कोरोना’’ को कोई अहमियत न देकर लाकडाउन का उंल्घन करने पर जैसे अमादा हो बिना किसी सुरक्षा के बेखौफ होकर सड़को पर घूम रहे, मोहल्ले गलियो में जमघट लगाए, बाइक लेकर सड़को का जायजा लेते युवा वर्ग पर जैसे लाकडाउन का कोई असर ही न हो और न इस बीमारी का भय दिख रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा जैसे लाकडाउन नही उनके मस्ती के दिन हो। एक ओर लापरवाह जनता तो दूसरी ओर दिल्ली गाजियाबाद से पैदल आ रहे मजदूर जो बहराइच जनपद में जा रहे है वो प्रशासन के लिये खासी मुसीबत बना हुआ है। भूखे प्यासे पैदल चलने से बेहाल यये मजदूर खासे चलाई, थकाई एवं भूख प्यास से बेहाल हो बीमार से हो गये लेकिन अपने घरो तक पहुंचने की इनकी लालसा इनकी हिम्मत बनी हुई है। लेकिन प्रशासन के लिये खासी मुसीबत बनी है।

एसडीएम के द्वारा खाना पानी, स्वास्थ्य परीक्षण और फिर वाहनो से भिजवाना खासी दिक्कते पैदा कर रहा है। वैसे आज रोडवेज की गोला डिपो की 50 बसे ऐसे लोगो को लाने पहुंचाने में लगा दिये जाने से आज एक बस में लगभग 150 यात्री जो अन्दर से लेकर ऊपर छत तक भर गये थे मोहम्मदी से नानपारा भेजी गयी जबकि तमाम बसे दिल्ली भेजी गयी जो वहां फंसे लोगो को लेकर आयेगी। बसो के संचालन से प्रशासन ने खासी राहत की सांस ली है। बीमारी महामारी कोरोना से फिलहाल मोहम्मदी बचा हुआ है।

रिपोर्ट-सुखविंदर सिंह कम्बोज

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