दिल्ली में तबलीगी जमात में भाग लेने वाले कई विदेशी नागरिक उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर मस्जिदों में ठहरे हुए थे, जिन्हें मंगलवार को पकड़ा गया। लखनऊ के पुलिस आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मंगलवार को राज्य की राजधानी स्थित कैसरबाग की मरकजी मस्जिद में पहुंचे, जहां किर्गिस्तान और कजाकिस्तान के छह नागरिक पाए गए।
खुफिया एजेंसियों द्वारा दी गई सूचना पर अधिकारी मस्जिद में पहुंचे। विदेशी नागरिक 13 मार्च से यहां रह रहे हैं। तबलीगी जमात की बैठक 13 से 15 मार्च के बीच हुई थी। नागरिकों को चिकित्सा परीक्षण के लिए भेजा गया है और इसके बाद उन्हें अन्य लोगों से अलग कर दिया जाएगा। रिपोटरें के अनुसार, कुछ विदेशी नागरिकों के बारे में कहा जा रहा है कि वे मांडियन और काकोरी की मस्जिदों में रह रहे हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम अभी भी जांच की प्रक्रिया में हैं और हम व्यक्तियों की संख्या का खुलासा नहीं कर सकते। हमें नहीं पता कि वे यहां अवैध रूप से रह रहे थे। उचित जांच के बाद ही जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।”
इस बीच सूडान, केन्या, इंडोनेशिया और अन्य देशों के निवासी सोमवार को स्थानीय अधिकारियों को सूचित किए बिना मेरठ जिले की दो मस्जिदों में ठहरे हुए थे। उन्हें और उनके संपर्क में आए अन्य लोगों को एकांतवास में भेज दिया गया है। विदेशियों अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत चार लोगों पर मामला भी दर्ज किया गया है।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अविनाश पांडे ने कहा, “स्थानीय खुफिया इकाई ने इन 19 पुरुषों के ठिकाने के बारे में बताया और हम तुरंत घटना स्थल पर पहुंच गए। पहली मस्जिद मवाना तहसील में है, जहां अफ्रीकी राष्ट्रों सूडान, केन्या और जिबूती से जुड़े दस विदेशी पाए गए। उन्हें व उनके संपर्क में आए लोगों को एकांतवास में रखा गया है। दूसरी मस्जिद सरधना में है, जहां नौ इंडोनेशियाई नागरिक ठहरे हुए थे। इसी तरह की कार्रवाई वहां भी की गई है।” पुलिस सूत्रों के अनुसार, चार ऐसे लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, जिन्होंने स्थानीय अधिकारियों को सूचित किए बिना इन लोगों को मस्जिदों में ठहरने की सुविधा प्रदान की। इस घटनाक्रम के बाद अन्य क्षेत्रों की भी जांच की जाएगी, जिसके लिए कई टीमों का गठन किया गया है।