तेलंगाना के वारंगल की पुलिस ने बीते हफ्ते एक कुएं से मिली 9 लाशों के मामले की गुत्थी को सुलझा लिया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी ने नौ लोगों की हत्या का खूनी खेल सिर्फ इसलिए खेला ताकि इस राज से पर्दा ना उठ सके कि वह अपनी प्रेमिका की हत्या कर चुका है. पुलिस ने आरोपी बिहार के प्रवासी मजदूर संजय कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया है.
जानकारी के अनुसार, तीन दिन पहले गोरेकुंटा गांव से जो 9 शव मिले थे, उनमें से 6 एक ही परिवार के सदस्य थे. इस मामले की छानबीन छह स्पेशल पुलिस टीम कर रही थीं. पुलिस ने दावा किया है कि 26 साल के आरोपी संजय कुमार यादव को सोमवार 25 मई को जब गिरफ्तार किया गया तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया.
वारंगल पुलिस के कमिश्नर डॉक्टर रविंदर ने बताया कि 21 और 22 मई को कुएं से यह सभी लाशें मिली थीं. मामले की जांच शुरू की तो आरोपी संजय कुमार यादव का नाम सामने आया. संजय ने अपनी प्रेमिका रफीका की हत्या का अपराध छुपाने के लिए यह सब किया था. उन्होंने कहा कि जिस कुएं से शव मिले थे, उसके पास ही बोरे बनाने की फैक्ट्री है. यहां पर प्रवासी मजदूर रहते हैं.
आरोपी संजय यहीं रहता था. उसके साथ पश्चिम बंगाल का रहने वाला मकसूद पत्नी निशा और परिवार के छह सदस्यों के साथ रहता था. इनके साथ बिहार के दो और त्रिपुरा का एक युवक भी रहता था.
जांच में पता चला कि संजय के निशा की भतीजी रफीका (37) के साथ अवैध संबंध थे. रफीका भी पश्चिम बंगाल की ही रहने वाली थी, मगर वह अपने पति से अलग हो गई थी. उसके तीन बच्चे थे. यहीं संजय ने एक कमरा किराए पर ले रखा था, जहां वह रफीका के साथ रहता था. उन्होंने बताया कि कुछ समय से संजय की रफीका की बेटी पर भी गलत नजर थी. यह बात पता चलने पर रफीका ने संजय को उसकी बेटी से दूर रहने और पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने तक की चेतावनी दी थी. इसके बाद ही संजय ने रफीका की हत्या की साजिश रची. उसने मकसूद को बताया कि वह रफीका से शादी करना चाहता है. इसके लिए रफीका के परिजन से बात करने बंगाल जा रहा है.
उन्होंने बताया कि बीती सात मार्च को संजय और रफीका पश्चिम बंगाल जाने के लिए ट्रेन में चढ़े थे. सफर के दौरान संजय ने रफीका को खाने में नींद की गोली मिलाकर दे दीं. रफीका के बेहोश हो जाने पर आरोपी ने उसका गला घोंट दिया और शव को ट्रेन से फेंक दिया. इसके बाद आरोपी संजय वारंगल वापस आ गया. जब निशा ने उससे रफीका के बारे पूछा तो वह ठीक से जवाब नहीं दे पाया.
इसके बाद निशा ने उसे पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी. इससे आरोपी डर गया और हत्या की साजिश रचने लगा. आरोपी संजय 16 मई से 20 मई के बीच मकसूद के परिवार से मिलने आता रहा. इस दौरान उसे 20 मई को मकसूद के बड़े बेटे का जन्मदिन होने के बारे में पता चला.
आरोपी ने यह जानकारी मिलने पर नींद की दवा खरीदी और मकसूद के घर पहुंचकर उनके खाने में मिला दी. इस मौके पर मकसूद का एक दोस्त शकील भी वहीं मौजूद था. फैक्ट्री के पहली मंजिल पर भी दो मजदूर थे. आरोपी ने उनके खाने में भी नींद की दवा मिला दी, उसे डर था कि यह लोग भी उसका भांडा फोड़ सकते हैं. इसके बाद जब सभी खाना खाकर सो गए, तब रात करीब 12.30 बजे संजय उठ गया. उसने सभी को बोरों में बंद करके कुएं में फेंक दिया.