भारत सरकार ने देश में चल रही कम से कम 7 ऐसी चीनी कंपनियों की पहचान की है, जिनका कथित रूप से सीधे तौर पर या फिर अप्रत्यक्ष रूप से चीन की सेना से संबंध है. इसकी जानकारी मामले से जुड़े एक शख्स ने दी है.
इसके अलावा चीन की कंपनियों की तरफ से भारत में किए गए निवेश पर भी सरकार नजर रख रही है, क्योंकि इस बात का शक है कि चीन की सेना भारत के खिलाफ यहां से मिले फायदों का इस्तेमाल कर सकती है. मामले से जुड़े शख्स ने कहा कि इन कंपनियों की अभी सिर्फ पहचान की गई है. इनके खिलाफ सरकार कोई एक्शन लेगी या नहीं और क्या एक्शन लेगी, इस पर फैसला होना अभी बाकी है.
गौरतलब है कि ये नया खुलासा तब हुआ है जब भारत ने चीन के 59 ऐप्स पर बैन लगा दिया है. वहीं बताया जा रहा है कि जिस तरह की कंपनियों की पहचान अब भारत ने की है, कुछ वैसी ही 20 कंपनियों की पहचान जून के दौरान अमेरिका भी कर चुका है. सरकार ने 2018 में एक इंटरनल स्टडी की थी, जिससे ये पता चला था कि कुछ चीनी कंपनियों ने भारत में स्टार्टअप में निवेश कर के उन पर कंट्रोल कर लिया है.
जिन 7 कंपनियों की सरकार ने पहचान की है, उनमें अलीबाबा, टेंसेंट, हुवावे, एक्सइंडिया स्टील्स लिमिटेड जो भारत और चीन के बीच सबसे बड़ा ज्वाइंट वेंचर है, जिंजिंग कैथे इंटरनेशनल ग्रप जिसने छत्तीसगढ़ में एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट 1000 करोड़ रुपए के निवेश से शुरूआत की है, चाइना इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी ग्रुप कॉरपोरेशन और एसएआईसी मोटर कॉरपोरेशन लिमिटेड एसयूवी एमजी हेक्टर की पैरेंट कपंनी हैं.