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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक संपन्न

औरैया। जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बैठक में उपस्थित बैंकों के सभी जिला समन्वयको को कड़े निर्देश दिए कि यदि कोई किसान फसल बीमा न कराने का विकल्प चुनता है, और कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में स्वयं बैंक शाखा में उपस्थित न होकर इसकी सूचना व्हाट्सएप अथवा ईमेल के माध्यम से संबंधित बैंक शाखा को उपलब्ध कराता है, तो उसे स्वीकारते हुए उसका फसल बीमा का प्रीमियम ना काटा जाए। उन्होंने सभी बैंकों के जिला समन्वयको को निर्देशित किया कि शासन के निर्देश के अनुपालन में आज ही सभी बैंकों के जिला समन्वयक, अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक को यह अवगत कराएंगे कि अब तक कितने किसानों ने फसल बीमा न कराने का विकल्प चुना है। यह संकलित सूचना उप कृषि निदेशक द्वारा आज ही शासन को भेजी जाएगी। ये बात जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक के दौरान कही।

बैठक में फसल बीमा के प्रमुख प्रावधानों से अवगत कराते हुए उप कृषि निदेशक ने बताया कि शासनादेश के अनुसार खरीफ मौसम में फसल बीमा ,ऋणी किसानों जिन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड लिया है, के लिए भी स्वैच्छिक कर दी गई है। फसल बीमा की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। सभी बैंकों को यह निर्देश दिए जा चुके हैं की केसीसी धारक कृषक जो कि अनिवार्य रूप से इस योजना से आच्छादित है, उनको यह अवगत करा दिया जाए कि यदि वे अपनी फसल का बीमा नहीं कराना चाहते हैं तो अंतिम तिथि से 1 सप्ताह पूर्व, अर्थात प्रत्येक दशा में 24 जुलाई तक अपनी बैंक शाखा को लिखित में यह अवगत करा दें कि वह फसल बीमा नहीं कराना चाहते हैं। यदि ऋणी कृषक ऐसा करने से वंचित रहते हैं तो उनका प्रीमियम काट लिया जाएगा। उप कृषि निदेशक ने अवगत कराया कि इस संबंध में डेटाबेस से 150000 किसानों को s.m.s. मैसेज भेजे जा चुके हैं, साथ ही सभी कृषि बीज भंडारों ,कृषि रक्षा इकाई यों पर इस संबंध में सूचना चस्पा कर दी गई है। सभी बैंकों द्वारा भी इस आशय की सूचना अपनी बैंक शाखा में प्रमुखता से प्रदर्शित की गई है और सभी बैंक शाखाओं द्वारा अपने केसीसी धारक किसानों को फोन से भी इस संबंध में अवगत कराया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कि सभी बैंक इस सूचना का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें एवं हरसंभव माध्यम से किसानों तक इस बात को पहुंचाएं। उप कृषि निदेशक ने बताया कि विगत वर्ष खरीफ एवं रबी में जनपद में 7904 किसानों को 3.05 करोड़ रुपए का बीमा क्लेम बीमा कंपनी द्वारा किसानों के खाते में अंतरित किया गया है। बीमा कंपनी को किसानों की समस्याओं के निस्तारण में अपेक्षित तेजी दिखानी चाहिए जिससे कि आईजीआरएस पोर्टल पर आ रही शिकायतें डिफाल्टर न हो सके और निर्धारित समय अवधि के अंतर्गत उनका निस्तारण किया जा सके।

इस क्रम में जिलाधिकारी ने बीमा कंपनी को निर्देशित किया की आईजीआरएस पोर्टल पर आ रही समस्याओं का 24 घंटे के अंदर निस्तारण सुनिश्चित करें तथा जिन किसानों का भी प्रीमियम काटा जाए उन्हें पॉलिसी नंबर अनिवार्य रूप से लिखकर दें। उन्होंने सभी बैंकों एवं बीमा कंपनी को निर्देशित किया कि जिन किसानों का भी प्रीमियम काटा जाए पोर्टल पर उसकी फीडिंग निर्धारित समय अवधि के अंतर्गत सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने लापरवाही बरतने वाले बैंकों एवं बीमा कंपनी के संबंध में इस विषय पर अपर मुख्य सचिव कृषि को पत्र लिखने हेतु उप कृषि निदेशक को निर्देशित किया।

रिपोर्ट-पुष्पेंद्र कुमार

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