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निर्देशों के अनुरूप सुचारू परीक्षा

लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा संचालित बीएड प्रवेश सुचारू ढंग से सम्पन्न हुई। इसमें कोरोना बचाव के दिशा निर्देशों पर अमल किया गया। राज्य समन्वयक सयुक्त प्रवेश परीक्षा प्रो अमिता वाजपेयी ने बताया कि परीक्षा के पहले सभी जनपदों में गोपनीय सामग्री सुरक्षित रुप से पहुंचा दी गई थी।

जिसे जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी, जिलाविद्यालय निरीक्षक और लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि नोडल अधिकारी उप नोडल अधिकारी सहायक नोडल अधिकारी की उपस्थिति में सम्बन्धित जनपद के कोषागार में सकुशल सुरक्षित रखवा दिया गया था।

सभी पर्यवेक्षकों द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय प्रतिनिधियों के साथ सभी परीक्षा केन्द्रों का सम्यक भौतिक निरीक्षण कर लिया गया था। सभी परीक्षा केन्दों पर समुचित रुप से सेनेटाइज कर लाॅक करा दिया गया था। लखनऊ के नोडल प्रभारी प्रो ध्रुव सेन सिंह ने बताया की लखनऊ में बयासी केंद्र बनाये गए थे। प्रत्येक परीक्षार्थी के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा का ध्यान रखते हुए लखनऊ के प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर परीक्षा-कक्षों तथा फर्नीचर इत्यादि को परीक्षा के एक दिन पूर्व ही सेनेटाइज करने की प्रक्रिया सुचारु रूप से संपन्न की गई थी।

प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर सेनेटाइजेशन की प्रक्रिया को सही रूप में संपन्न करने हेतु पर्यवेक्षण के लिए, एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति की गई थी। सेनेटाइजेशन की सम्पूर्ण गतिविधि विशेष अधिकारी के दिशानिर्देशन में पूर्ण कराई गई थी। इसके साथ ही प्रत्येक केंद्र पर हैंड सैनिटाइजर मास्क,और थर्मल स्कैनर की व्यवस्था भी की गई थी।

केंद्रों पर सोशल डिस्टेंशिंग के साथ परीक्षार्थियों के परीक्षा देने की व्यवस्था भी की गई थी। बगैर मास्क के किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। परीक्षा का सीटिंग प्लान बड़े बैनर फ्लैक्स पर पर्याप्त आकार एवं ऊंचाई पर लगाया गया गया था। ताकि सीटिंग प्लान देखने के लिए परीक्षार्थियों द्वारा सोशल डिस्टैंसिंग का उल्लंघन न किया जाय।

लखनऊ विश्वविद्यालय ने प्रवेश परीक्षा को सुचारु रूप से कराने के लिए एक सौ चौसठ पर्यवेक्षक नियुक्त किये थे। पहली बार इस प्रवेश परीक्षा में चार सेक्टर मेजिस्ट्रेट लगाए गए थे। शासन के आदेशानुसार बीएड प्रवेश परीक्षा से सम्बंधित व्यक्तियों, कर्मचारियों,शिक्षकों को उनके परिचय पत्र एवं परीक्षार्थियों को उनके प्रवेश पत्र पर परीक्षा के दिन आवागमन की समुचित अनुमति दी गई थी। इस परीक्षा के लिये प्रदेश के तिहत्तर जनपदों में चौदह नोडल केन्द्र चार उप।नोडल केन्द्र बनाये गये थे।

प्रदेश के 1089 केन्द्रोंपर कुल 4,31,904 परीक्षार्थी सम्मिलित होने थे, जिसमें से लगभग 3,57,064 परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए और उपस्थिति लगभग 82.67 प्रतिशत रही। इनमें कईनेत्रहीन अभ्यर्थी भी सम्मिलित थे जिन्हें नियमानुसार परीक्षा-केन्द्र पर अतिरिक्तसमय देते हुए श्रुतलेखक भी उपलब्ध कराया गया। विभिन्न केन्द्रों पर कतिपय अभ्यर्थी ऐसे पाये गए जिनका शारीरिक तापमान सामान्य से अधिक पाये जाने के कारण उन्हें आइसोलेटेड कक्ष में बैठाकर परीक्षा सम्पन्न करवायी गयी।

कोविड-19 के कारण बदली हुयी परिस्थितियों को देखते हुए सभी अभ्यर्थियों, कक्ष।निरीक्षकों और नोडल अधिकारियों की सुरक्षा के सभी प्रोटोकाॅल एवं निर्देशों का कठोरतासे पालन कराया गया। प्रत्येक परीक्षा-केन्द्र पर सी.सी.टी.वी. कैमरे, राउटर आदि कीसमुचित व्यवस्था की गयी थी। पूरे प्रदेश के सभी केन्द्रों पर हो रही परीक्षा पर लखनऊ विश्वविद्यालय में स्थापित किये गये कमान्ड नियंत्रण-कक्ष की सहायता से कड़ी नजररखी गयी।

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

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