दिल्ली हाईकोर्ट ने रिया चक्रवर्ती ड्रग्स केस में खुद को लेकर हो रही मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक की मांग को लेकर अभिनेत्री रकुलप्रीत की याचिका पर सुनवाई करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, प्रसार भारती, प्रेस काउंसिल और न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है। जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने कहा कि मीडिया को सेल्फ-रेगुलेशन और प्रोग्राम कोड समेत दूसरे दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।
रकुलप्रीत की याचिका में कहा गया है कि मुझे लेकर मीडिया निराधार रिपोर्टिंग कर रहा है, सूचना प्रसारण मंत्रालय के दिशानिर्देशों को भी ताक पर रख दिया गया। रकुलप्रीत की ओर से वकील अमन हिंगोरानी ने कहा कि मीडिया रकुलप्रीत की छवि खराब कर रही है। मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिया चक्रवर्ती ने पूछताछ के दौरान उसका नाम लिया था। उन्होंने कहा कि मीडिया उनके फोटो को बदलकर ऐसे नैरेटिव तैयार कर रही है, जैसे वह ड्रग्स गैंग की सदस्य हों। ऐसा करना रकुलप्रीत की निजता का हनन है और संविधान की धारा 21 का उल्लंघन है।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र, प्रसार भारती, न्यूज़ ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन से कहा है कि वो रकुलप्रीत की याचिका पर जल्द विचार कर फैसला करें कि उसे क्या राहत दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस ट्रेंड को नोट किया है। अगर मीडिया सेल्फ रेगुलेट नहीं करती है तो हम क्या कर सकते हैं।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि प्रसारण के पहले सेंसरशिप नहीं लगाया जा सकता है। तब कोर्ट ने कहा कि कुछ तो रेगुलेशन होना चाहिए। अधिकारियों के कुछ करने से पहले मीडिया को ऐसी खबरें कहां से मिलती है। इससे छवि को नुकसान पहुंचता है।