इनकम टैक्स भरने वालों को मोदी सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है और अब ई-आकलन यानी की, अब करदाताओं को अब किसी भी आयकर विभाग के दफ्तर के चक्कर लगाने की जरुरत नहीं और फेसलेस एसेसमेंट की सुविधा मिली है।
भारत सरकार के राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय और सीबीडीटी चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी ने नेशनल इ-असेसमेंट सेंटर (ई-निर्धारण केंद्र) का उद्धाटन करते हुए ये बात कही।
8 अक्टूबर से करदाताओं को फेसलेस असेसमेंट की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। यानी की अब किसी भी मामले में करदाता को अधिकारियों के सामने पेश नहीं होना पड़ेगा। जो भी कार्रवाई होगी वो नेशनल इ-असेसमेंट पोर्टल के जरिए ही होगी।
करदाताओं की शिकायतों में कमी लाने और कारोबार को आसान बनाने में इससे मदद मिलेगी. नई सुविधा से टैक्सपेयर्स को रजिस्टर्ड ई-मेल और वेब पोर्टल यानी www.incometaxindiaefiling.gov.in पर लॉगिन करने पर नोटिस और सूचनाएं मिलेगी और रजिस्टर्ड मोबाइल पर तुरंत मैसेज मिलेगा। इसके आधार पर मामले की जांच की जांच होगी। करदाताओं को सुविधा होगी कि वो अपने घर या ऑफिस से इसका जवाब दे सकें और उसे संबंधित वेब पोर्टल पर अपलोड करके अपना जवाब सीधे ई-मेल के जरिए नेशनल ई-असेसमेंट सेंटर भेज सके।
पूरे मामले की जांच रैंडम तरीके से चुनी हुई टैक्स अधिकारियों की टीम करेगी। यानी न तो टैक्सपेयर और ना ही टैक्स विभाग के अधिकारी को पता होगा कि वो किसकी जांच या असेसमेंट कर रहा है। बहुत जरूरत पड़ने पर करदाता को वीडियो कान्फ्रेन्सिंग की सुविधा भी मिलेगी। नेशनल इ-असेसमेंट सेंटर्स के साथ देश में आठ शहरों दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे और बैंगलोर में रीजनल सेंटर्स होंगे।
किसी भी सेंटर पर करदाताओं के ज़रिए दाखिल किए गए टैक्स रिटर्न का असेसमेंट किया जा सकता है। असेसमेंट में खामियां पाए जाने पर इन्हीं सेंटरों के जरिए टैक्स नोटिस या आगे की कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।