इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन के क्वालीफायर-2 में आज दिल्ली कैपिटल्स का सामना 2016 की विजेता सनराइजर्स हैदराबाद से होगा। इस मैच को जीतने वाली टीम 10 नवंबर को दुबई में मौजूदा विजेता मुंबई इंडियंस के खिलाफ फाइनल खेलेगी। दिल्ली को क्वालीफायर-1 में मुंबई ने हराया था और इसलिए वो अब क्वालीफायर-2 में खेलेगी। 2016 की विजेता हैदराबाद ने एलिमिनेटर मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर को हराकर दूसरे क्वालीफायर में जगह बनाई है।
दिल्ली ने अभी तक एक भी बार फाइनल नहीं खेला है। खिताब जीतने के लिए वह बेताब होगी। वहीं, हैदराबाद भी अपने दूसरे खिताब के लिए पूरी जोर अजमाइश करेगी। हैदराबाद ने पिछले चार मैचों में जिस तरह की क्रिकेट खेली है वह बताता है कि यह टीम धुन की पक्की है। पिछले चार मैचों में हर मैच उसके लिए नॉकआउट था, जिसमें हार उसे लीग के बाहर पहुंचा सकती थी। लेकिन डेविड वार्नर की कप्तानी वाली टीम ने हर मैच में बाजी मारी और क्वालीफायर तक पहुंची है। अब फाइनल में पहुंचने के लिए उसे एक और बाधा पार करनी होगी, दिल्ली को हराने की।
दिल्ली ने सीजन के पहले हाफ में जिस तरह का खेल दिखाया था वो दूसरे हाफ में देखने को नहीं मिला है। पहले क्वालीफायर में तो उसके बल्लेबाजों ने बेहद निराश किया था। अगर उस प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ तो दिल्ली के लिए जीत मुश्किल है। सनराइजर्स हैदराबाद का गेंदबाजी आक्रामण बेहद मजबूत है। उसने मुंबई, बेंगलोर जैसी टीमों को बड़ा स्कोर नहीं करने दिया और पूरी संभावना है कि वह दिल्ली के बल्लेबाजो की भी नाक में दम करेगी।
पृथ्वी शॉ, ऋषभ पंत ने दिल्ली की उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है। शिखर धवन फॉर्म में हैं, लेकिन अकेले लड़ रहे है। क्वालीफायर में तो वह भी शांत बैठ गए थे। कप्तान श्रेयस अय्यर ने शुरूआती मैचों में अच्छी पारियां खेली थीं, लेकिन दूसरे हाफ में उनका बल्ला खामोश है। मार्कस स्टोयनिस ने मुंबई के खिलाफ अर्धशतक जमाया था, लेकिन उनकी यह पारी देर से आई थी। टीम के लिए बेहद जरूरी है कि स्टोयनिस इस प्रदर्शन को हैदराबाद के खिलाफ जारी रखें। टी. नटारजन, संदीप शर्मा, जेसन होल्डर और राशिद खान के आगे यह सभी कितने असरदार होंगे यह बड़ा सवाल है।
गेंदबाजी में कैगिसो रबादा, एनरिक नॉर्खिया हैदराबाद के बल्लेबाजों को परेशानी दे सकते हैं। मध्य के ओवरों में रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल भी यह काम करना बखूबी जानते हैं। लेकिन दिल्ली के लिए एक समस्या पांचवें गेंदबाज की रही है। तुषार देशपांड को दिल्ली ने आजमाया था जो सफल भी रहे थे, लेकिन फिर वह गायब हो गए। डेनियल सैम्स भी इस जगह अपनी छाप नहीं छोड़ पाए हैं। हैदराबाद की बल्लेबाजी इस समय अपने रंग में हैं। रिद्धिमान साहा ने वार्नर के साथ मिलकर टीम को अहम मैचों में जीत दिलाई। एलिमिनेटर में तो साहा भी नहीं थे, लेकिन मुश्किल समय में केन विलियम्सन और फिर अंत में होल्डर ने कुछ अच्छे शॉट्स लगा टीम को जीत दिलाई थी।
एक चीज जो देखने वाली है वो यह है कि हैदराबाद के गेंदबाजों ने सामने वाली टीम को बड़ा स्कोर नहीं करने दिया। दिल्ली अगर बड़ा स्कोर कर जाती है तो फिर हैदराबाद के लिए लक्ष्य हासिल करना मुश्किल होगा। साहा दूसरे क्वालीफायर में खेलते हैं या नहीं इस पर कुछ जानकारी नहीं है। उनको जोड़ भी लें तो साहा, वार्नर, विलियम्सन, मनीष पांडे और होल्डर से युक्त हैदराबाद का बल्लेबाजी क्रम होगा। बड़े नामों के बाद भी यह टीम विशाल स्कोर हासिल करती अभी तक तो नहीं दिखी है।