सीतापुर/लहरपुर। साहित्यिक संस्था दबिस्तान-ए-अदब के तहत मशहूर शायर अनवर जलालपुरी की याद में एक शाम अनवर जलालपुरी के नाम मोहल्ला शेखटोला में आयोजित की गई। राजेश्वर दयाल रस्तोगी के नेतृत्व में मुख्य अतिथि के रुप में कोतवाल प्रभारी लहरपुर इंद्रजीत सिंह उपस्थित रहे। इसके साथ कार्यक्रम की अदबी महफिल में दो दर्जन शायरों और अदीबों ने अपने कलाम पेश किया। महफिल के संयोजक रियाज अहमद बबलू ने शायरों और मेहमानों का स्वागत किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।
मशहूर शायरों ने पेश किये मुशायरे
हिंदू मुस्लिम एकता और आपसी भाईचारे को मजबूती प्रदान करने वाले इस कार्यक्रम संयोजक रियाज अहमद बबलू ने अनवर जलालपुरी को नजराने अकीदत पेश करते हुए कहा कि उनकी शायरी और शख्सियत नई नस्ल के शायरों की रहनुमाई करती है। उन्होंने कहा कि जब तक उर्दू बाकी है अनवर जलालपुरी का नाम अमर रहेगा अदबी महफिल के कन्वीनर जेडआर रहमानी एडवोकेट ने अनवर जलालपुरी को नजराने अकीदत पेश करते हुए कहा कि अनवर साहब की आवाज में जो शिरिनी खानगी थी, वह किसी दूसरे नाजिम मुशायरा में नहीं मिलती। इस मौके पर शायरों ने अपने आप कलाम पेश किए।
नाजिम मुशायरा के कई हैं यहां मगर,
वीरान हो गई निजामत तेरे बगैर । …(उमर फारूकी)
अनवर जलालपुरी की याद में आयोजित इस महफिल में अंजुम बहराइची, अनवर बिश्वानि, इरशाद बेग, गौहर लहर पुरी, अलीम साहिल, डॉ अफजल बेग, मौलाना आमिर, साजिद लखीमपुर, इकबाल अकरम वारसी, मंजर लहरपुरी, सगीर भारती, मोबीन लहरपुरी, अतीक विश्वानि, एजाज अहमद, संतोष कुमार कश्यप, हसीन अंसारी, मिस्बाह उद्दीन अंसारी, जमील फरीदपूरी, आदि ने भी अपनी शायरी के द्वारा नजरआने अकीदत और कलाम पेश किए। एक शाम अनवर जलालपुरी में लहरपुर ईदगाह के पेश इमाम कारी कुमैल, कारी नसीम, मौलाना डॉक्टर मुईज़, हरीश रस्तोगी गोलू, सलाहुद्दीन गौरी, इकरामउल हसन अंसारी, हाजी रईस अहमद, हाजी लईक अहमद, शाहनवाज, हरीश जसवाल, कारी मुख्तार, ताहिर अंसारी, डॉक्टर राशिद अली, मास्टर फुरकान अली, अंकित अवस्थी, निर्मल निगम, शकील अंसारी एडवोकेट, शफी कुरैशी, सैयद खालीद आदि बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद रहे।
रिपोर्ट- मोहम्मद हाशिम अंसारी