किसी शिक्षण संस्थान का पुरातन छात्र सम्मेलन पुरानी यादों को जीवंत बनाने का अवसर होता है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने इसको विशेष तैयारी के साथ आयोजित किया। देश के प्रतिष्ठित पत्रकार के विक्रम राव लिखते है कि उनको उम्मीद नहीं थी कि साठ वर्ष बाद भी विश्वविद्यालय उनको पुरातन छात्र के रूप में याद करेगा। लेकिन उनको सम्मान सहित आमंत्रित किया गया। अलुम्नाई मीट में के पदमश्री राज बिसरिया, पदमश्री अनूप जलोटा, डॉक्टर आराधना शुक्ल, लीना जौहरी,अम्बुज शर्मा,जे बी सिंह, विजय भूषण, डॉक्टर जी के गोस्वामी, खेल जगत से प्रख्यात हॉकी खिलाडी शकील अहमद, रजनीश मिश्रा, आर पी सिंह, अर्जुन अवार्डी रचना गोविल, रविंद्र पाल, ख्यातिप्राप्त चिकित्सक प्रोफेसर सूर्यकांत, युवा कवि पंकज प्रसून, मीडिया जगत से अभिज्ञान प्रकाश, एम् के गांगुली, गणेश गौरांग, अनिल भारद्वाज, जैसी विभूतियों ने आज प्रतिभाग किया। पुरातन छात्र कार्यक्रम का औपचारिक शुभारम्भ किया गया।
जिसमे कुलपति प्रोफेसर अलोक कुमार राय, उत्तर प्रदेश सरकार में क़ानून मंत्री बृजेश पाठक, वित्तमंत्री सुरेश खन्ना और मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने द्वीप प्रज्वलन कर अंतरराष्ट्रिय पुरातन छात्र सम्मलेन का शुभारम्भ किया। विश्वविद्यालय का कुलगीत सांस्कृत्की की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया। कुलपति प्रोफेसर अलोक कुमार राय जी ने अपने सम्बोधन में समस्त मुख्य अतिथियों का सम्मलेन में आने का धन्यवाद दिया। उन्होंने सबको लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट देखने के साथ साथ लखनऊ विश्वविद्यालय के अलुम्नाई एसोसिएशन से जुड़ने के लिए अनुरोध किया साथ में अलुम्नाई फाउंडेशन के अलग अलग शहरों तथा देशों में विभिन्न अध्यायों को बनाने की गुज़ारिश की।
साथ साथ कुलपति जी ने अलग अलग स्तर पर छात्रवृत्ति देने की गुज़ारिश की। जिससे विश्वविद्यालय की आधारभूत ढांचा, पुस्तकालय इत्यादि में पुरातन छात्रों को मदद करने का अनुरोध किया।केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान राज्यपाल केरला ने सम्मलेन में ऑनलाइन प्रतिभाग किया। उन्होंने भारतीय परंपरा में गुरु का महत्व बताते हुए कहा की गुरु अन्धकार से प्रकाश में लाने का कार्य करता है। भारत ” नित नूतन चिर पुरातन ” देश है। कई पुरानी सभ्यता खत्म हो गयी। परन्तु भारत सभ्यता में निंरतरता होने के कारण आज भी विद्यम्मान है।
मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने अपने विश्वविद्यालय के दिनों को याद किया। पुरातन छात्र एवं निति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने अपना सन्देश ऑनलाइन माध्यम से दिया। कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय ने पनाह दी। जहाँ उन्होंने स्नातक,स्नातकोत्तर और शोध किया। सुरेश कुमार खन्ना ने समस्त पुरातन छात्रों को सम्बोधित किया। बताया कि 1974 में उन्होंने विश्वविद्यालय में लॉ में दाखिला लिया था। इसी विश्वविद्यालय के कारण ही विधानसभा,मंत्री पद मिला। उन्होंने कहा की आज यहाँ आगमन पर छयालीस साल पहले की यादें ताज़ी हो गयीं।
विश्वविद्यालय के शिक्षक जो पूर्व और वर्तमान में किसी न किसी विश्वविद्यलया के कुलपति है या रह चुके हैं, विभिन्न संस्थानों के निदेशकों, विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र जिन्हे पदमश्री और पदम्भूषण प्राप्त हुआ है, उन पूर्वछात्रों जो प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत हैं, जो पुलिस प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत हैं। उन पूर्वछात्र रक्षा सेवाओं में कार्यरत हैं, जो सम्मानित किया गया जो खेल जगत में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया हैं, प्रोफेसर डॉक्टर सूर्यकांत, प्रेस एवं मीडिया के गणमान्य हस्तियों, लेखक एवं कवियों, अधिवक्ता जर्नल राघवेंद्र,डी.जे. नारायण को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री