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गणतंत्र दिवस पर प्लास्टिक से बने झंडे का इस्तेमाल किया तो जाना पड़ेगा जेल

गणतंत्र दिवस पर इस बार त‍िरंगा फहराने में थोड़ी सावधानी बरतनी होगी। अगर इस दौरान गलती से भी प्‍लास्टिक का झंडा इस्‍तेमाल किया या फ‍िर उसका अनादर क‍िया तो कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा सकता है। यह हम नहीं बल्‍क‍ि गृहमंत्रालय द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है।

त‍िरंगा के लिए कागज या कपड़े को किया गया निर्धारित

गणतंत्र दिवस को लेकर खास तैयार‍ियां की जा रही हैं। ऐसे में हाल ही में गृहमंत्रालय ने एक खास एडवाइजरी जारी की है। इसमें सभी राज्‍यों को फ्लैग कोड का कड़ाई से पालन करने का न‍िर्देश द‍िया गया है। गृहमंत्रालय के मुताब‍िक गणतंत्र दिवस पर प्लास्टिक के बने राष्ट्रीय झंडे का ब‍िल्‍कुल भी उपयोग न करें। इसकी जगह पर कागज के तिरंगे या फ‍िर कपड़े पर बने ति‍रंगे का इस्‍तेमाल करना देश ह‍ित में होगा।

प्लास्टिक से बने झण्डे का निपटान एक बड़ी समस्‍या

प्लास्टिक के बने राष्ट्रीय झंडे देश व पर्यावरण दोनों के ल‍िए ही नुकसानदेह है। ये कागज और कपड़ों के झंडों की तरह जैविक रूप से समाप्‍त नहीं होते हैं। अक्‍सर देखा जाता है क‍ि लोग प्‍लास्‍ट‍िक खत्‍म करने के ल‍िए लोग उसे आग के हवाले करना ही अंत‍िम व‍िकल्‍प समझते हैं। ऐसे में झंडे को जलाना देश के सम्‍मान के खि‍लाफ है और इनका सम्मानपूर्वक निपटान एक बड़ी समस्‍या है।

जेल और जुर्माना दण्ड के ​रूप में निर्धारित

राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा में इस का साफ ज‍िक्र क‍िया गया है। इसके मुताबि‍क भी सार्वजनिक स्थान पर झंडे या उसके किसी भाग को जलाता है उसे क‍िसी भी रूप में इसे नष्‍ट करता है या फ‍िर क‍िसी भी तरीके से उसका अनादर करता है तो वह सजा का हकदार होता है। ऐसा करने वाले को तीन वर्ष की जेल के साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

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