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नव वर्ष 2021 से बाजार की उम्मीदें: अर्थव्यवस्था को मिलेगी तेज रफ्तार

देश और दुनिया के लिए एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण वर्ष खत्म हो गया है। ऐसे में सामने आए उतार-चढ़ाव, रिकवरी और अवसरों का आकलन करना महत्वपूर्ण है, जो नए साल 2021 में सामने आ सकते हैं। कोविड-19 महामारी का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अप्रत्याशित प्रभाव पड़ा है। औद्योगिक उत्पादन कम हुआ है, आयात कम हुआ है, कच्चे तेल की खपत भी कम हुई है। इसी तरह के कई डेवलपमेंट्स हुए हैं। इसने 2020 की पहली तिमाही में शेयर बाजार को रसातल पर पहुंचा दिया था। कोरोना वायरस ने कहर बरपाया और उसकी वजह से लॉकडाउन की शृंखला शुरू हुई। इसने रोजगार, बचत और लाखों लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित किया है।

फिर भी हम मई से आर्थिक रिकवरी में हरे रंग के साथ अंकुरण हुआ, जो हमने देखा भी है। धीरे-धीरे भारत ‘अनलॉक’ की ओर बढ़ा और लॉकडाउन से बाहर आया। मार्च के बाद से अभूतपूर्व आर्थिक मंदी को पलटना ही था, इसके लिए सरकार को प्रासंगिक आर्थिक और सामाजिक सुधारों के लिए उपाय करने को प्रेरित किया।

आर्थिक मंदी के बाद किए गए उपाय
एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के डीवीपी-इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट श्री ज्योति रॉय के अनुसार, किसी भी संकट की स्थिति में न्यूनतम अवरोधों के साथ सब कुछ वापस लाने के लिए विशेष आर्थिक उपायों की जरूरत होती है। सभी बाजारों में उत्पादकता वापस लाने के लिए दुनियाभर की सरकारें राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेजों के साथ आगे बढ़ी हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिकी सरकार ने मार्च में 27 खरब डॉलर की प्रोत्साहन राशि की घोषणा की थी, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बाद में वित्तीय उपायों के साथ लगभग 40 खरब डॉलर की राशि दी। इसने बाजार की भावनाओं के साथ-साथ उद्योगों में सेक्टरल रीएडजस्टमेंट्स को भी बढ़ावा दिया।

इसी प्रकार, भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया, जिसके तहत वित्त मंत्रालय ने सब्सिडी, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, और मौद्रिक प्रोत्साहन सहित एक आर्थिक पैकेज की घोषणा की। भारत की बड़ी आबादी के कारण, लाखों मामले सामने आए। अब सौभाग्य से नए केस घट रहे हैं। जो उपाय किए गए उसके बीच अक्टूबर के 54.6 की तुलना में इस महीने कंपोजिट पीएमआई (परचेज मैनेजर्स इंडेक्स) 58.9 तक बढ़ाने में कारगर रहे।

आत्मनिर्भर भारत पहल के दो चरणों के माध्यम से सरकार ने अब तक विभिन्न योजनाओं के लिए 14.49 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है। तीसरे चरण ने हाल ही में आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त 2.65 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इनके अलावा, आरबीआई ने 31 अक्तूबर 2020 तक 12.71 लाख करोड़ रुपये तक के अपने वित्तीय उपायों की घोषणा की। भारतीय अर्थव्यवस्था भले ही पहली तिमाही में लगभग -23.9 फीसदी के संकुचन से गुज़री हो, लेकिन वर्तमान में यह उम्मीद से बेहतर 7.5 फीसदी पर प्रदर्शन कर रही है। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021 के अंत तक पांच फीसदी के करीब सकारात्मक शुद्ध विकास दर मिलेगी।

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