आज चतुरी चाचा अपने प्रपंच चबूतरे पर बड़ी प्रसन्न मुद्रा में विराजमान थे। जब मैं प्रपंच चबूतरे पर पहुंचा तो वह बड़के दद्दा एवं ककुवा के संग चोंच लड़ा रहे थे। चबूतरे के सामने अलाव धधक रहा था। चबूतरे पर लड्डू के 6-7 डिब्बे, कुछ नए साल के कैलेण्डर, कलम व डायरी भी रखी थीं। मेरे पहुंचते ही चतुरी चाचा अपनी खुशी का राजफ़ाश करते हुए बोले- रिपोर्टर, नया साल अपने साथ कोरोना वैक्सीन भी लेकर आया है। एक जनवरी को केंद्र सरकार ने कोविशील्ड नामक कोरोना टीके को मंजूरी दे दी है।
चतुरी चाचा ने बताया कि इस वैक्सीन का ड्राई रन हो चुका है। शनिवार को ढाई सौ से अधिक केंद्रों पर टीकाकरण ट्रायल भी हुआ था। सबसे पहले देश के स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। मार्च में दो करोड़ कोरोना योद्धाओं को वैक्सीन दी जाएगी। इन सबको मुफ्त में टीका लगेगा। सबको 28 दिनों में वैक्सीन की दोनों डोज मिल जाएंगी। बुजुर्गों को भी प्राथमिकता के आधार पर टीका लगेगा। इसके बाद आम जनता के लिए टीका उपलब्ध हो जाएगा। पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा। सबसे बड़ी बात यह होगी कि आम जनता को भी टीका मुफ्त लगाया जाए।
इसी दौरान पच्छे टोला से कासिम चचा व मुंशीजी भी आ गए। चतुरी चाचा की बात पर ककुवा ने कहा- सब जनेक टीका लागि जाय। तब कोरोना ते पिंड छूटय। मुदा 130 करोड़ केरी आबादी वाले ई देस मा सब जनेका टीका लगावेम बड़ा टाइम लागि। ई मानिके चलव कि 2021 के आखिर तलक टीकाकरण होय पाई। तब तलक मॉस्क अउ दैहिक दूरी क्यार पालन करय का परी। कोराउना ते हर मनइक सावधान रहय का परी। सब जने ‘सावधानी हटी-दुर्घटना घटी’ वाली बाति दिमाग मा राखयँ। यहिके साथे अपन इम्युनिटी पॉवर खूब बढ़ाए रहयँ। कोराउना सार आई अउ छूयकै चला जाई। कोऊ बीमार न होई।
तभी चंदू बिटिया गुनगुना नींबू पानी, पालक की कुरकुरी पकौड़ी व तुलसी-अदरक की कड़क चाय लेकर आ गयी। चतुरी चाचा ने हम सबको लड्डू देते हुए बोले- पहले नए साल पय मुँह मीठा करव सब जने। फिर चाय-पानी करव। हम लोगों ने लड्डू खाकर पानी पीया। ककुवा ने चंदू बिटिया को 100 रुपये चॉकलेट खाने के लिए दिए। चाय के कुल्हड़ के साथ बतकही आगे बढ़ी। ककुवा बोले- का हो चतुरी भाई। सुनय मा आवा हय कि कुछु मुसलमान टीका केर विरोध शुरू कय दिहिन हयँ। मुलायम केर लरिकवव टीका क्यार विरोध कय रहा। अखिलेसवा कहिस हय कि भाजपा पय विस्वास नाहीं। हम पंच कोराउना क्यार टीका न लगुवइबे। ई बाति तौ बड़ी खराब हय।
मुंशीजी चाय सुड़कते हुए बोले- कोरोना के चलते इस साल अंग्रेजी नववर्ष मनाने का हुड़दंग ज्यादा नहीं हुआ। नई पीढ़ी भारतीय नववर्ष मनाती ही नहीं करती है। ज्यादातर लोगों को अपने देश का पञ्चाङ्ग पता ही नहीं है। ज्यादातर लोग हिन्दी महीनों के नाम तक नहीं जानते हैं। इन सबको कौन बताए कि अपना नया साल चैत्र मास (अप्रैल) से शुरू होता है। फाल्गुन मास (मार्च) में साल समाप्त होता है। आजकल के बच्चे तो हिन्दी की गिनती तक नहीं जानते हैं। भावी पीढ़ी पश्चिमी संस्कृति को अपना रही है। आज का युवा भारतीय परंपरा, संस्कृति, सभ्यता से कोसों दूर है। इसी वजह से समाज में अनेक प्रकार की विकृतियों ने जन्म ले लिया है।
कासिम चचा ने कहा- किसानों को आंदोलन करते हुए आज 38 दिन हो गए। किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। मोदी सरकार किसानों की मांग पूरी करने से कतरा रही है। भीषण ठंड में किसानों का जीवन दांव पर लगा है। दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों में कुछ की मौत भी हो चुकी है। तमाम किसान बीमार हो रहे हैं। हजारों बुजुर्ग किसान, महिलाएं व बच्चे पांच हफ्ते से खुले आसमान के नीचे बैठे हैं। परंतु, केंद्र सरकार तीनों कानूनों को अच्छा साबित करने में जुटी है।
बड़के दद्दा कासिम चचा की बात काटते हुए बोले- पहली बात तीनों कृषि कानून किसानों के व्यापक हित में हैं। इनमें कोई खामी है ही नहीं। न मंडियां बन्द हो रही हैं और न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हुआ है। फसलों की सरकारी खरीद भी ठप्प नहीं होगी। इसके बावजूद मोदी सरकार किसानों से वार्ता कर रही है। सरकार कृषि कानूनों में संशोधन करने को भी तैयार है। मोदी सरकार अनेक बार आंदोलनरत किसानों के साथ बैठक कर चुकी है। कल चार जनवरी को सरकार एक बार फिर किसानों से वार्ता करेगी। परंतु, किसान संगठन विपक्षी दलों की कठपुतली बने हैं।
इसके बाद चतुरी चाचा ने मुझसे कोरोना अपडेट देने को कहा। मैंने बताया- सबसे बड़ी खुश खबरी यह है कि कोरोना के नए स्वरूप पर भी मौजूदा कोरोना वैक्सीन कारगर होगी। विश्व के कई देशों में कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। भारत में भी कोरोना का टीका लगाने की शुरुआत होने जा रही है। विश्व में अबतक आठ करोड़ 36 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। जबकि 18 लाख 20 हजार संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। इसी तरह भारत में एक करोड़ 26 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। यहां कोरोना से अबतक एक लाख 49 हजार मौतें हो चुकी हैं। अंत मे चतुरी चाचा ने हम सबको मिठाई का डिब्बा, कैलेण्डर, डायरी व पेन देकर नववर्ष की बधाई दी। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बतकही लेकर फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम राम!