भगवान शिव का सभी देवताओं में प्रमुख स्थान है. भगवान विष्णु जब पाताल लोक में विश्राम करने के लिए जाते हैं तो पृथ्वी की बागडोर भगवान शिव को ही सौंप कर जाते हैं. भगवान शिव के बारे में ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ अपने भक्त की पूजा से बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं.
भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं का पूर्ण करते हैं. शिव की पूजा करने से ग्रहों की अशुभता दूर होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. जिन कन्याओं के विवाह में किसी भी प्रकार की बाधा आ रही है, उनके लिए इस दिन व्रत रखकर शिव की पूजा करने विशेष लाभ प्राप्त होता है. वहीं शिव जी की पूजा के लिए महाशिवरात्रि का पर्व सबसे उत्तम माना गया है.
महाशिवरात्रि कब है?
पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च 2021 गुरुवार के दिन मनाया जाएगा.
महाशिवरात्रि व्रत और पूजा का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि: 11 मार्च 2021
निशिता काल पूजा समय: 00:06 से 00:55, मार्च 12
अवधि: 00 घण्टे 48 मिनट
12 मार्च 2021: शिवरात्रि पारण समय – 06:34 से 15:02
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय: 18:27 से 21:29
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय: 21:29 से 00:31, मार्च 12
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय: 00:31 से 03:32, मार्च 12
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय: 03:32 से 06:34, मार्च 12
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 11 मार्च को 14:39 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 12 मार्च को 15:02 बजे
पूजा विधि
शिवरात्रि के दिन स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके उपरांत विधिवत पूजा आरंभ करनी चाहिए. पूजा के दौरान कलश में जल या दूध भरकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए. शिवलिंग का बेलपत्र, आक फूल, धतूरे के फूल आदि भी अर्पित करने चाहिए. इस दिन शिवपुराण, महामृत्युंजय मंत्र, शिव मंत्र और शिव आरती का पाठ करना चाहिए. महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण भी किया जाता है.