बांग्लादेश सरकार ने सोमवार को म्यांमार से आए रोहिंग्या शरणार्थियों के चौथे समूह को बंगाल की खाड़ी में विकसित किए गए नए द्वीप पर भेजा. मानवाधिकार समूहों द्वारा इस प्रक्रिया को रोके जाने का आह्वान किए जाने के बावजूद शरणार्थियों को द्वीप पर भेजा गया.
बांग्लादेशी नौसेना के कमांडर मुजम्मिल हक ने संवाददाताओं से कहा कि कोक्स बाजार के शरणार्थी शिविरों में रह रहे करीब 2,000 रोहिंग्याओं को नए विकसित किए गए भसान चार द्वीप पर भेजा गया है. इस द्वीप को विशेष तौर पर पड़ोसी देश म्यांमार से आए एक लाख रोहिंग्याओं को बसाने के लिए विकसित किया गया है.
दिसंबर में शुरू हुई प्रक्रिया के बाद से अब तक 7,000 से अधिक शरणार्थियों को द्वीप पर भेजा जा चुका है. बांग्लादेश सरकार का कहना है कि शरणार्थियों के लिए अच्छे प्रबंध किए गए हैं और द्वीप को बेहतर रहन-सहन के लायक विकसित किया गया है.
हालांकि, मानवाधिकार समूहों ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा है कि कुछ लोगों को उनकी इच्छा के विपरीत द्वीप पर भेजा जा रहा है. वहीं, सरकार का कहना है कि शरणार्थियों को उनकी सहमति के बाद ही भेजा रहा है.