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कुरान की आयातों के हटाने के समर्थन में उतरी हिन्दू महासभा

लखनऊ। अखिल भारत हिन्दू महासभा, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने शिया नेता वसीम रिजवी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कुरान से 26 आयतों को हटाये जाने संबंधी दाखिल की गयी जनहित याचिका समर्थन करते हुये कहा है कि कुरान की 24 आयतों को लेकर मैट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जेड.एस. लोहाट के 31 जुलाई 1986 को दिये गये निर्णय का सम्मान किया गया होता आज भारत में मजहब के नाम पर देश में कश्मीरी पण्डितों की हत्याओं और उनके पलायन जैसी आतंकी घटनायें न हुयी होती।

उल्लेखनीय है कि तत्कालीन हिन्दू महासभा दिल्ली प्रदेश के उपप्रधान इन्द्रसेन शर्मा और राजकुमार ने कुरान मजीद को लेकर पोस्टर छपने पर अनुवादक मोहम्मद फारूख खां और प्रकाशक मक्तबा अल हस्नात रामपुर के खिलाफ हौजखास पुलिस स्टेशन दिल्ली में मुकदमा दर्ज कराया था, जिस पर चले मुकदमें में उस समय के मैट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट श्री जेड0एस0 लोहाट ने 31 जुलाई 1986 को निर्णय सुनाते हुये कुरान की 24 आयतों पर सख्त टिप्पणी की थी।

इस टिप्पणी में न्यायधीश श्री लोहाट ने साफ कहा था कि मामले में जिक्र की गयी आयतों में स्पष्ट है कि इनमें ईर्ष्या, घृणा, कपट, लड़ाई-झगड़ा, लूटमार और हत्या करने के आदेश मिलते हैं। इन्हीं कारणों से देश व विश्व में मुस्लिमों व गैर-मुस्लिमों के बीच दंगे हुआ करते हैं। यही नहीं बल्कि श्री जेड़ एस. लोहाट ने 31 जुलाई 1986 को फैसला सुनाते हुए लिखा था कि ’’मैंने सभी आयतों को कुरान मजीद से मिलान किया और पाया कि सभी अधिकांशतः आयतें वैसे ही उधृत की गई हैं जैसी कि कुरान में हैं। यदि ऐसी आयतें न हटाईं गईं तो साम्प्रदायिक दंगे रोकना मुश्किल हो जायेगा।

इसके साथ ही श्री लोहाट ने आरोपियों को बरी करते हुए निर्णय दिया था कि ’’कुरान मजीद’’ की पवित्र पुस्तक के प्रति आदर रखते हुए उक्त आयतों के सूक्ष्म अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि ये आयतें बहुत हानिकारक हैं और घृणा की शिक्षा देती हैं, जिनसे एक तरफ मुसलमानों और दूसरी ओर देश के शेष समुदायों के बीच मतभेदों की पैदा होने की सम्भावना है। हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने स्पष्ट कहा कि यदि श्री लोहाट के निर्णय के बाद उस समय की तत्कालीन सरकार ने मुस्लिम तुष्टिकरण से ऊपर उठकर कदम उठाया होता तो आज भारत देश की स्थिति कुछ और ही होती और न ही वसीम जाफर जैसे लोगों को सुप्रीम कोर्ट में 26 आयतों को हटाने के लिये सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख न करना पड़ता।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गयी जनहित याचिका को लेकर हिन्दू महासभा नेता ने कहा कि अब मुस्लिम समाज में कुछ शिक्षित लोगों को भी समझ में आने लगा है कि देश दुनिया में हो रही आतंकवादी घटनाओं के पीछे इस्लाम है, जो ईर्ष्या, घृणा, कपट, लड़ाई-झगड़ा, लूटमार और हत्या को बढ़ावा देता है। श्री त्रिवेदी ने उच्चतम न्यायालय पर भरोसा जताया है कि वसीम रिजवी की ओर से कुरान से 26 आयातों को हटाये जाने संबंधी जनहित याचिका में सुनवाई कर आयातों को हटाने का निर्णय देगी।

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